इन्दौर : श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा छत्रपति नगर स्थित दलालबाग में 19 से 25 मार्च तक आयोजित होने वाले श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक एवं जिनबिम्ब प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव की शुरूआत घटयात्रा से की जाएगी। मुनिश्री विमल सागर एवं अनन्त सागर महाराज के सान्निध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य विनय भैय्या, अनिल भैय्या, अमित जैन (वास्तुविद) के निर्देशन में पंचकल्याणक की सभी विधियां संपन्न की जाएंगी। सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव में सुबह से शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस अवसर पर आयोजित किए जाएंगे।
श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट एवं पंचकल्याणक महोत्सव समिति मुख्य आयोजक सचिन सुपारी ने बताया कि महोत्सव की शुरूआत मंगलवार 19 मार्च को सुबह 6 बजे मुनिराज के सान्निध्य एवं प्रतिष्ठाचार्यों के निर्देशन में गुरूआज्ञा, आचार्य निमंत्रण, नित्यमह, अभिषेक, शांतिधारा वपूजन की विधियां संपन्न की जाएंगी। वहीं 6.30 बजे जाप स्थापना, आचार्यश्री पूजन होगा। प्रात: 7.30 बजे घटयात्रा एवं श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके पश्चात मण्डप प्रवेश, मण्डप उद्घाटन, मण्डप शुद्धि, वेदी संस्कार शुद्धिष अभिषेक, शांतिधारा,, श्रीजी स्थापना पूजन एवं प्रात: 9 बजे लाभार्थी परिवार द्वारा ध्वजारोहण के पश्चात आचार्यश्री अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। ध्वजारोहण के लाभार्थी सुंदरलाल, सुशील जैन, सतीश जैन (डबडेरा) परिवार हैं तो वहीं मण्डप उद्घाटनकर्ता के लाभार्थी चंदाबाई, अनिल-सुनीता, राजकुमार-साधना, शुभी, शुभ जैन एस.आर. परिवार हैं। महोत्सव के दौरान 600 इंद्र-इंद्राणी सामूहिक रूप से पूजन करेंगे वहीं प्रतिदिन आचार्यश्री सभी श्रावक- श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा भी करेंगे।
19 से 25 तक प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम
मुख्य आयोजक सचिन सुपारी, विपुल बांझल, कैलाश नेताजी एवं रोहिल रसिया ने बताया कि सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव की शुरूआत घट स्थापना से होगी। वहीं 20 मार्च को गर्भ कल्याणक (पूर्व रूप), गुरूवार 21 मार्च को गर्भ कल्याणक (उत्तर रूप), शुक्रवार 22 मार्च को जन्म कल्याणक, शनिवार 23 मार्च को तप कल्याणक, रविवार 24 मार्च को ज्ञान कल्याणक एवं 25 मार्च को मोक्ष कल्याणक के साथ ही इस सात दिवसीय महोत्सव का समापन होगा। सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। पंचकल्याणक महोत्सव की सभी विधियां विनय भैय्या के निर्देशन में संपन्न की जाएगी। सात दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में पांच फीट की श्वेत वर्ण पाषाण की मुनि सुव्रतनाथ भगवान की प्रतिमा के साथ ही अन्य 15 तीर्थंकरों की प्रतिमा भी छत्रपति नगर स्थित नूतन जिनालय में विराजित की जाएगी।