एक वाकया ऐसा भी: वित्तमंत्री रहें, पर बजट पेश नहीं किया, नाम जानते हैं आप ?

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1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट(budget) पेश करने वाली हैं। इस वर्ष बजट(budget) सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा और 8 अप्रैल 2022 को समाप्त होगा।
लेकिन इससे पहले आज हम आपको बजट(budget) के इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों की जानकारी देने वाले हैं। बहुत से लोग ऐसे होंगे जो इन तथ्यों को नहीं जानते कि पहला बजट कब और कहां पेश हुआ था। और ये भी मालूम नहीं होगा कि कौन-सा ऐसा वित्त मंत्री था, जिसने एक भी बजट पेश नहीं किया। तो हम आपको बताते हैं-
भारत का पहला बजट
ये तो आप जानते ही होंगे कि बजट देश में किसी भी सरकार द्वारा एक वित्तीय वर्ष में किये जाने या होने वाले अनुमानित आय और खर्च का विवरण होता है। साथ ही आपको ये भी बता दे कि भारत में बजट को पेश करने की शुरुआत सबसे पहले ब्रिटेन ने ही की थी। ब्रिटिश काल में ही पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश(The budget was presented for the first time in India on 7 April 1860) किया गया था। और भारत में इसे पेश करने वाले फाइनेंस मेंबर थें जेम्स विल्सन(James Wilson)।
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसे भी वित्त मंत्री हुए हैं जिन्होंने एक भी बजट पेश नहीं किया(no budget presented)। अगर नहीं जानते तो हम आपको बता दे कि केसी नियोगी(KC Niyogi) भारत के एकमात्र ऐसे वित्त मंत्री रहे, जिन्हे एक भी बजट पेश करने का मौका नहीं मिला। क्योंकि वे सिर्फ 35 दिनों तक ही वित्त मंत्री के पद पर रहे। वे 1948 में देश के दूसरे वित्तमंत्री बने थे। और उनके बाद जॉन मथाई भारत के तीसरे वित्त मंत्री बने।
इसके साथ ही अगर सबसे अधिक बार भारत में बजट पेश करने के रिकॉर्ड(Records of presenting the budget for the most number of times in India) की बात की जाए तो ये रिकॉर्ड जाता हैं मोरारजी देसाई(Morarji Desai) के खातें में। आपको बता दे मोरारजी देसाई वित्त मंत्री के रूप में दस बार देश का बजट पेश करने वाले इकलौते वित्त मंत्री हैं। इसमें उन्होंने आठ बजट और दो अंतरिम बजट पेश किये हैं।