अब चुनाव प्रचार और रैलियों में नहीं नजर आएंगे बच्चे, निर्वाचन आयोग ने जारी की सख्त गाइडलाइन

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देश में साल के मई-जून के महीने में लोकसभा चुनाव होने है। जिसके चलते देश की सभी बड़ी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में भी बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। इसी बीच निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार यानी आज राजनीतिक दलों से कहा कि वे पोस्टर एवं पर्चों सहित प्रचार की किसी भी सामग्री में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें।

निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को एक परामर्श दिया है कि कोई भी पार्टी या उमीदवार अपने चुनाव प्रचार-प्रसार में किसी भी तरीके से बच्चों की तस्वीर या वीडियो इस्तेमाल ना करें और ना ही बच्चों को चुनाव प्रचार-प्रसार में शामिल करें। आयोग ने कहा कि नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों।

मगर आयोग ने कहा कि यदि कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उसके समीप केवल मौजूद होता है तो इस परिस्थिति में यह दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। निर्वाचन आयोग ने कहा कि अगर किसी ने इस आदेश का उल्लंघन किया तो उसपर बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।