चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग की तारीख नजदीक आ गई है। 13 जुलाई को दोपहर ढाई बजे इसे लॉन्च किया जाना है। इस लांचिंग की तैयारी के दौरान इसरो ने चंद्रयान 3 को अंतरिक्ष में ले जाने वाले रॉकेट से जोड़ दिया है। बुधवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पेलोड फेयरिंग को जिओ सिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी एमके थर्ड के साथ जोड़ दिया गया।
हम आपको दें, चंद्रयान 3 मिशन, 13 जुलाई को लांच होने वाला है। यह पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा की भू विज्ञान का पता लगाएगा। 3900 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को पहले यूआर राव सैटलाइट केंद्र में रॉकेट के पेलोड फेयरिंग यानी ऊपरी हिस्से में डाला गया और फिर इस रॉकेट के निचले हिस्से से जोड़ने के लिए ले जाया गया। यह हिस्सा इस पृथ्वी की कक्षा के बाहर धकेल देगा और इस पृथ्वी से लगभग 3 लाख 84000 किलोमीटर दूर चंद्रमा की ओर ले जाएगा।
🚀LVM3-M4/Chandrayaan-3🛰️ Mission:
Today, at Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota, the encapsulated assembly containing Chandrayaan-3 is mated with LVM3. pic.twitter.com/4sUxxps5Ah
— ISRO (@isro) July 5, 2023
इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने हाल ही में एक घोषणा की थी। जिसमें उन्होंने कहा था,’हम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होंगे’। 13 जुलाई पहले संभावित लॉन्च दिवस है और यह 19 जुलाई तक जा सकता है। इससे पहले सोमनाथ ने कहा था कि 12 जुलाई से 19 जुलाई के बीच की अवधि लॉन्च के लिए तय की गई है।
रॉकेट के टॉप पर लगे पेलोड शेयरिंग में लैंडर, रोवर को प्रोपल्शन मोडल के साथ जोड़ा गया है जो इसे अलग होने से पहले चंद्रमा से 100 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाएगा।