MP: कमल के ‘शिव’, खोलेंगे ‘कमल’ का ‘राज’- फिर खुलेगी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की फाइले

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मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में बड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूर्व की कमलनाथ सरकार के शासनकाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाते हुए इसकी जांच के आदेश भी दिए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मध्यप्रदेश के सात प्रमुख और बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, उज्जैन, सागर, जबलपुर, ग्वालियर और रतलाम में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कांग्रेस सरकार में शुरू किये गए इन प्रोजेक्ट पर प्रश्न उठाये तो मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दे दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) के सात बड़े शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City) के करोड़ों रुपये के काम में धांधली की जांच होना बहुत जरूरी हैं, क्योकिं बड़े पैमाने पर इसमें धांधली की शिकायते आ रहीं हैं। आपको बता दे 2019 में हुए ये सारे टेंडर, तत्कालीन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के दौरान किये गए थे।

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जैसे ही प्रदेश के मुखिया ने ये आदेश दिए तो इस पर राजनीति भी शुरू हो गई हैं। और भाजपा द्वारा लगाए गए, कांग्रेस सरकार में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में धांधली के आरोप पर, कांग्रेस की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रहीं हैं। कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि यदि कहीं कोई गड़बड़ी हुई है तो सरकार को पहले जांच करवानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहिए। लेकिन सिर्फ झूठी बयानबाजी के आधार पर भ्रम फैलाना और विपक्ष पर आरोप लगाना बंद करे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर MP के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों के ठेकों की जांच कराने का बड़ा फैसला किया हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने अपनी मनमर्जी से ठेके दिए हैं। इसमें किसी भी प्रकार की पारदर्शिता नजर नहीं आ रहीं हैं। और अब जांच में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में कहा था-” मुझे आश्चर्य है स्मार्ट सिटी के सारे केमरे बंद मिले हैं। उन फाइलों को निकालिए जहां-जहां गलती हुई है। उसमें सुधार करिये। और स्मार्ट सिटी का जो पैसा बचा हुआ है उसे उपयोगिता के आधार पर शहरों में खर्च करें।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी।