गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से हुए बड़े हादसे के कारण पूरा देश में शोक का माहौल है। इस दुख में शामिल होते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस मुश्किल घड़ी में अमेरिका भारतीय लोगों के साथ है।
वहीं दूसरी तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज घटनास्थल का दौरा करने पहुंचे। उनके दौरे के लिए मोरबी अस्पताल को सजाया जा रहा है। मोरबी पुल हादसे पर ट्वीट करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने लिखा, ‘भारत में पुल गिरने के कारण हुए हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिजनों के प्रति मैं और जिल अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और इतने जीवनों के समय से पहले खत्म होने के शोक में गुजरात के साथ हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम भारत के लोगों के साथ खड़ा होना और उनका समर्थन करना जारी रखेंगे।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया ट्वीट
भारतीय मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी आज सुबह ट्वीट करते हुए घटना पर शोक व्यक्त किया।अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘हम गुजरात में पुल गिरने के विनाशकारी हादसे के पीड़ितों का शोक मनाने में भारत के लोगों के साथ खड़े हैं। हमारा दिल उनके साथ है जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोया और जो इससे प्रभावित हुए हैं।’
Gujarat | Prime Minister Narendra Modi met the injured admitted to Morbi Civil Hospital.#MorbiBridgeCollapse led to the deaths of 135 people so far. pic.twitter.com/UaKF2XcbCP
— ANI (@ANI) November 1, 2022
प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर लिया पीड़ितों का हाल
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे पर देश-विदेश के नेताओं ने दुख जताया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मोरबी जाकर स्थिति का जायजा लिया। इससे पहले उन्होंने कल अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की थी।
मोरबी में रविवार शाम को मच्छू नदी पर बना पुल टूट कर नदी में गिर गया था। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हुई, वहीं लगभग 177 लोग घायल हुए। 100 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।छठ पूजा के मौके पर पुल पर अधिक भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण इसकी केबल टूट गई और यह नदी में गिर गया। हादसे के समय पुल पर लगभग 500 लोग मौजूद थे।
मोरबी नगर निगम ने हादसे का दोष सरकारी ठेके के तहत पुल की मरम्मत करने वाली ओरेवा नामक एक प्राइवेट कंपनी पर मढ़ा है। नगर निगम का कहना है कि मरम्मत पूरी करने के बाद कंपनी ने फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के बिना ही पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया।
आरोप है कि कंपनी को समझौते के तहत पुल को 8-12 महीने बंद रखना था, लेकिन उसने सात महीने बाद ही इसे जनता के लिए खोल दिया।