भोपाल : मध्य प्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश में विकास की गति को बढ़ाने के लिए एक बार फिर तीन हिस्सों में 5000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि, यह कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुंबई कार्यालय के माध्यम से राज्य सरकार की प्रतिभूतियों को बेचकर लिया जाएगा। यह कर्ज सरकार 20 फरवरी को लेने जा रही है।
कर्ज की अवधि और ब्याज:
1500 करोड़ रुपये का कर्ज 16 साल के लिए लिया जाएगा।
1500 करोड़ रुपये का कर्ज 20 साल के लिए लिया जाएगा।
2000 करोड़ रुपये का कर्ज 21 साल के लिए लिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि, इन तीनों कर्जों पर साल में दो बार कूपन दर पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा।
कर्ज का उपयोग:
राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह कर्ज विभिन्न विकास परियोजनाओं, कल्याणकारी योजनाओं और अन्य सरकारी खर्चों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश सरकार पर पहले से ही 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है।
वहीं विपक्ष ने राज्य सरकार द्वारा लगातार कर्ज लेने की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह राज्य की वित्तीय स्थिति को खराब करेगा और भविष्य की पीढ़ियों पर बोझ डालेगा। इस पर राज्य सरकार का कहना है कि कर्ज लेना विकास के लिए आवश्यक है। सरकार ने कहा है कि वह कर्ज का उपयोग उत्पादक कार्यों में करेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।