देश में 8 वें वेतन को लेकर मारा-मारी का दौर शुरू हो गया है। वही सरकार भी इस मामले को लेकर गम्भीर नही दिख रही है। शासकिय कर्यचारियों ने 8वें वेतन को लेकर सरकार से मांग कर रहे है कि जल्द ही इस पर कमेटी बनाकर इसको लागू करें। लेकिन मोदी सरकार इस मामले मे अभी कोई निर्णय लेने को तैयार नही दी रही है। जिसको लेकर सरकार और कर्मचारी संघ के बीच जंग छिड़ गई है।
गौरतलब है कि, 7वां वेतन साल 2016 से लागू है। जिसमें कर्मचारियों को न्यूतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 56900 रूपए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर मिल रहा है।
कर्मचारी अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) ने बताया कि, केंद्र सरकार अगर 8 वां वेतन आयोग और पुरानी पेंशन को बहाल नही करती है। इसके लिए कर्मचारी अनिश्चिकाल के लिए हड़ताल करेंगे। केंद्र और राज्य के कर्मचारी साथ में मिलकर हड़ताल कर सकते है।
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वित्त राज्य मंत्री ने दिया ये बयान
मंत्री पंकज चौधरी से मीडिया कर्मियों ने सवाल किया की सरकार 8वें वेतन आयोग का गठन पर विचार करेंगी या नही? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए स्पष्ट कर दिया की। फिलहाल सरकार के पास 8वें वेतन का कोई प्रस्ताव नही आया है।
उन्होंने आगे कहा कि, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 2014 में आई थी। इसे साल 2016 में लागू किया गया था। सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन मैट्रिक्स की समीक्षा 10 साल की लंबी अवधि की प्रतीक्षा किए बिना की जा सकती है।
रक्षा मंत्रायल ने किया स्पष्ट
रक्षा मंत्रायल की जेसीएम काउंसिल लेवल-2 और भारतीय मजदूर संघ के मुताबिक, केंद्र सरकार समय पर 8वें वेतन आयोग का गठन जरूर करेंगी। इसकी सिफारिशों के लिए अभी समय है। इसको लागू करने के लिए हमें साल 2024 का इंतजार करना होगा। लेकिन कर्मचारी संघ का कहना है कि सरकार यह स्पष्ट कर दे की सरकार क्या चाहती है?