इंदौर : इंदौर में औद्योगिक विकास एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराने के पांच बड़े औद्योगिक क्लस्टर स्थापित होंगे। इसमें कंफेक्शनरी, फार्मा, खिलौना, फूड प्रोसेसिंग एवं फर्निचर क्लस्टर शामिल है। इन क्लस्टरों को स्थापित करने के लिये तैयारियां प्रारंभ हो गयी है। कार्ययोजना बना ली गई है। भूमि चयन का कार्य प्रारंभ हो गया है। सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने आज इंदौर में संबंधित औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को पॉवर पाइंट प्रेजेनटेशन के माध्यम से क्लस्टर के बारे में जानकारी दी गई। मंत्री सखलेचा ने सभी संबंधित औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे जिले में उपलब्ध भूमि के आधार अपनी उपयुक्तता के मान से भूमि का चयन कर ले। शीघ्र काम शुरू करे। राज्य शासन द्वारा उन्हें पूरी मदद उपलब्ध करायी जायेगी।
औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में मंत्री सखलेचा ने क्लस्टर के बारे में विस्तार से चर्चा की। संगठनों के प्रतिनिधियों की समस्याएं भी सुनी और कहा कि उनका हर संभव निराकण किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने कंफेक्शनरी, फार्मा, खिलौना, फूड प्रोसेसिंग एवं फर्निचर क्लस्टर से संबंधित औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास में सहभागी बने। क्लस्टर में अधिक से अधिक निवेश करें। जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि को चिन्हांकित कर प्रदेश में औद्योगिक विकास एवं रोजगार निर्मित करने हेतु 10 क्लस्टर जिनमें फार्मा, रेडीमेड गारमेंट, नमकीन कंफेक्शनरी टेक्सटाईल्स, फर्नीचर, खिलौना, फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक ऑटोमोबाईल एवं बॉडी बिल्डिंग आदि के क्लस्टर का विकास लगभग 650 एकड़ भूमि पर किया जायेगा। जिसमें लगभग रूपये 685 करोड पूंजी निवेश होगा। इनमें स्थापित होने वाली इकाईयों की संख्या लगभग 450 होगी जिनमें लगभग 55 हजार बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त होगा। राज्य शासन द्वारा प्रारंभ किये गये आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश अभियान में सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम उद्योगों के विकास को महत्व दिया गया है और यह अभियान संपूर्ण मध्यप्रदेश में चलाया जा रहा है।
बताया गया कि इसके अतिरिक्त अविकसित भूमि भी विभिन्न लघु एवं मध्यम उद्योगों को आवंटित की जानी है। अविकसित भूमि आवंटन हेतु नीति निर्देश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा शीघ्र ही जारी होने हैं एवं क्लस्टर विकास हेतु सुविधाओं संबंधी प्रावधान भी शीघ्र जारी होने हैं। इस कार्य हेतु संपूर्ण मध्यप्रदेश में समस्त जिलों में कार्यवाही प्रचलित है एवं इन्दौर जिले में भी शासकीय भूमि के चिन्हांकन एवं हस्तांतरण की कार्यवाही प्रगति पर है। राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 25 सितम्बर 2020 से प्रभावशील हो गया है शासकीय भूमि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को आवंटन/हस्तांतरण प्रक्रिया उक्त निर्देशों के अनुक्रम में होगी। इस प्रकार हस्तांतरित शासकीय भूमि के क्लस्टर स्थापना हेतु एवं लघु उद्योगों तथा मध्यम उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि आवंटन किया जायेगा, जो कि अविकसित भूमि आवंटन के नीति निर्देशों के अनुरूप होगा।
उल्लेखनीय है कि-इंदौर में सांवेर रोड, पोलोग्राउंड, लक्ष्मीबाई नगर, भागीरथपुरा आदि औद्योगिक क्षेत्र 40 से 50 वर्ष पूर्व स्थापित हुए हैं एवं विगत वर्षों में इन औद्योगिक क्षेत्रों में समस्त भूमियां आवंटित हो चुकी है एवं नवीन उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि आवंटन के लिये कोई भी भूमि उपलब्ध नहीं है। कालांतर में उपरोक्त आवंटन औद्योगिक क्षेत्रों भी गहन शहरी क्षेत्रों में आ गये हैं। उपयुक्तता की दृष्टि से उद्योगों को आवंटन हेतु भूमि प्रदान करने के लिये यह आवश्यक हो गया है कि शहरी क्षेत्र की सीमा से बाहर के क्षेत्रों में शासकीय भूमियों पर क्लस्टर विकसित कराये जायें एवं आवश्यकता अनुसार लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी विकसित भूमि आवंटन की जाये। विकसित भूमि शासन द्वारा बनाये जाने वाले नीति निर्देशों के अंतर्गत आवंटित की जाये। इस अवसर पर संयुक्त संचालक उद्योग एच.एस. मुजाल्दा, महाप्रबंधक उद्योग अजय सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश में एमएसएमई टूल रूम (इंडो जर्मन टूल रूम) का विस्तार होगा
प्रदेश में युवाओं को रोजगार के लिये शिक्षित-प्रशिक्षित करने हेतु एमएसएमई टूल रूम (इंडो जर्मन टूल रूम) का विस्तार होगा। अब यह संस्था इंदौर के अलावा प्रदेश के आठ जिलों में नये सेंटर बनायेगी। इसके लिये तैयारियां प्रारंभ हो गई है। कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
यह जानकारी आज यहां सुक्ष्म, लघु, मध्यम उध्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा द्वारा ली गई बैठक में दी गई। बैठक में एमएसएमई टूल रूम (इंडो जर्मन टूल रूम) के प्रतिनिधि तथा उद्योग विभाग से जुड़े अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मंत्री ने कहा कि इस संस्था को अपने नये सेंटर बनाने के लिये राज्य शासन द्वारा पूरी मदद दी जायेगी। इस अवसर पर बताया गया कि एमएसएमई टूल रूम (इंडो जर्मन टूल रूम) द्वारा प्रदेश के खरगोन, सागर, नीमच, सतना, ग्वालियर, सिंगरोली, छिंदवाड़ा और शहडोल में यह नये सेंटर बनाये जाना हैं। इसके लिये भारत सरकार द्वारा प्रत्येक सेंटर हेतु मशीनरी एवं उपकरणों के लिये बीस-बीस करोड़ रूपये का अनुदान दिया जा रहा है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया राज्य शासन द्वारा की जायेगी।