Manipur Violence : राज्य सरकार ने हिंसा रोकने के लिए उठाया सख्त कदम, दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के दिए आदेश

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मणिपुर राज्य सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किया। सरकार के द्वारा जारी आदेश में साफ़-साफ़ लिखा है प्रशासन विषम परिस्थितियों (Extreme Cases) में ही ऐसा कदम उठाए और दंगाईयों को देखते ही गोली मार दी जाए।

इसके साथ मणिपुर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि शांति के लिए सरकार का सहयोग करें। राज्य में दो समुदायों के बीच हिंसा गलतफहमी के कारण हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि जो भी तोड़फोड़ या हिंसा करेंगे उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।

दरअसल, मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच कई दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। जिसके बाद कल यानि 3 मई को देर रात ये हिंसा में बदल गयी। जिसके बाद इस भयावह स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रातोंरात सेना और असम राइफल्स के कई दलों को फौरन तैनात किया गया। वहीं इस हिंसा की वजह से करीब 9,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं।

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जानें क्या है पूरा मामला ?

दरअसल बीतें दिन गैर-आदिवासी मेइती समुदाय को एसटी के दर्जे की मांग के खिलाफ ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ ने आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला जा रहा था, लेकिन इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस मार्च का आयोजन मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया।