जीवन ये गीत है
जीवन संगीत है
बिसार सारे गम ,कर
कड़वी बाते अनसुना
गुनगुना गुनगुना
जीवनगीत गुनगुना ।।
देख बहारे फूलों की
सावन के झूलो की
खुशियों से भरे चेहरे
जीवन के रंग गहरे
पलके उठा के देख जरा
जीवन मे है रस भरा
मीठा मीठा कुनकुना
गुनगुना गुनगुना
जीवनगीत गुनगुना ।।
बादलों की छांव में
मेरे अपने गांव में
है चहरे पे भोलापन
लोगो मे है अपनापन
ये घट नही है रीते
प्रेम स्नेह है सब पीते
रह नही सकता यहां
कोई भी अनमना
गुनगुना गुनगुना
जीवनगीत गुनगुना ।।
प्राची के सूरज को
वंदन है इस रज को
मेरे अपने देश मे
देवता मिले दरवेश में
बात नही चिंतावाली
है सभी और खुशहाली
छुपा मत सुना सुना
गुनगुना गुनगुना
जीवनगीत गुनगुना ।।