उज्जैन में सजा खादी बाजार, लघु कुटीर उद्योगों को किया गया प्रोत्साहित

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उज्जैन: खादी के सुंदर और कपड़ों और रेशमी परिधानों की विस्तृत श्रृंखला लिए इन दिनों शहर में खादी बाजार 2020 सजा हुआ है। पर यहां केवल चरखे पर कताई के बाद सूत से बने परिधान ही नहीं हैं बल्कि बहुत से ऐसे उद्पाद हैं जो स्वदेशी प्रोडक्ड की ओर हमारा ध्यान खींच लेते हैं फिर चाहे वह कपड़ें हों, सजावटी सामान हो या खानपान की दुनिया। जहां चाय से लेकर चायनिज डिशेज तक के जायके को बढ़ाने के लिए खास मसाले उपलब्ध हैं। देश के दूर-दराज के गांवों की कारीगरी को लोगों तक सीधे पहुंचाने के उद्देश से इन दिनों शहर में विशेष राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी शर्मा परिसर, यूनिवर्सिटी रोड, में 15 दिवसीय खादी बाज़ार प्रदर्शनी “खादी बाज़ार-2022” जारी है।जो आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में खादी ग्रामोद्योग भवन, खादी ग्रामोद्योग आयोग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित की गई हैl । देश के दूर-दराज के गांवों की कारीगरी को लोगों तक सीधे पहुंचाने के उद्देश्य से खादी ग्रामोद्योग भवन, खादी ग्रामोद्योग आयोग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यह खादी बाजार लगाया गया है।

शहर के शर्मा परिसर में लगे खादी बाजार में खादी के साथ साथ ही कई कुटीर और लघु उद्योगों द्वारा भी उत्पादों प्रदर्शित किये जा रहे है , जेसे मसाले, हर्बल चाय , लेदर के उत्पाद , जदिबुटीया भी यहाँ पर है l यहां करीब 15 तरह के मसाले उपलब्ध हैं जिनमें चाय से लेकर चायनिज डिशेज में डाले जाने वाले मसाले शामिल हैं। यहाँ आए कुटीर और गृह उद्योगों जेसे हर्बल उत्पादों कि भी अच्छी डिमांड है l जिनमें रोजमर्रा की जरूरतें, घर की सजावट और स्वाद व पूजन से संबंधित सामग्रियाँ भी शामिल हैं। यहाँ पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमो का भी आयोजन किया जा रहा है जो यहाँ का एक मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है l कई प्रख्यात गायक भी समय-समय पर अपनी प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुगध कर रहे है l

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प्रदर्शनी के संयोजक पंकज दुबे के अनुसार इस 15 दिनी यहां केवल खादी और सिल्क के कपड़े ही नहीं बल्कि बहुत सी वस्तुएं उपलब्ध हैं जिनमें रोजमर्रा की जरूरतें, घर की सजावट और स्वाद व पूजन से संबंधित सामग्रियां भी शामिल हैं। फर्नीचर और कुश से बनी चटाई, आसन, डायनिंग सेट, कुशन मेट आदि भी यहां उपल्बध है। जिनके जरिए न केवल खादी बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ाया देने का प्रयास किया जा रहा है।
Source: PR