बुधवार यानि की आज कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने अपना नामांकन भर दिया है। इस दौरान उन्होंने बताया कि वह 16 मई को ही कांग्रेस को इस्तीफा दे चुके हैं थे। सिब्बल के नामांकन के समय पर वहां पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) भी थे।
कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी को इस्तीफा दे दिया है और इसके साथ ही वह समाजवादी पार्टी में चले गए है। सिब्बल ने सपा के टिकट पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भर दिया है।
2016 में सिब्बल को तत्कालीन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में यूपी से राज्यसभा के लिए चुना गया था। कपिल सिब्बल को लेकर यह भी कहा जा रहा की इस मौके को आजम खान की उपेक्षा और रिहा होने के बाद के हावभाव के बीच भुनाना चाहते हैं। आजम खान जब जेल से बाहर आया था तो उसने कहा था कि मेरे विनाश के पीछे मेरे चाहने वालों का ही हाथ है।
#WATCH | Kapil Sibal filed nomination for Rajya Sabha elections, with the support of SP, in presence of party chief Akhilesh Yadav & party MP Ram Gopal Yadav
He says, "I've filed nomination as Independent candidate. I have always wanted to be an independent voice in the country" pic.twitter.com/HLMVXYccHR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 25, 2022
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बताया जा रहा है कि अगर सिब्बल सपा की मदद से राज्यसभा में जाएंगे तो यह ज़रूर आजम की नाराजगी दूर करने में मदद करेंगे इसके साथ ही समाजवादी पार्टी को भी एक बड़ा नेता और कानूनी सलाहकार मिल जाएगा।
11वीं सीट पर हो रहा घमासान !
उत्तर प्रदेश के विधानसभा में पुरे 403 विधायक हैं, उनमे से 2 सीटें खाली है। अब ऐसे में फ़िलहाल 401 विधायक है। एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए रहता है। बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक है, इस हिसाब से उन्हें 7 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। सपा के पास 125 विधायक हैं, उसे 3 सीट जीतने में कोई परेशानी नहीं आएगी। 11वीं सीट के लिए बीजेपी और सपा सियासी के बीच में ज़ोरदार टक्कर होगी।
सपा के पांच सदस्य हैं राज्यसभा में
राज्यसभा की 11 सीट के लिए 24 मई से नामांकन कार्यविधि शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी अभी तीन लोगों को राज्यसभा में भेज सकती है। अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं। इनमे से कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव की अवधि 4 जुलाई को खत्म हो जाएगी।
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