राजनीति में ‘IPS’ : कमिश्नरी छोड़, चुनाव लड़ेंगे असीम अरुण, BJP में हुए शामिल

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पांच राज्यों में विधान सभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी हैं। वहीं उत्तरप्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में अब एक ऐसे उम्मीदवार भी सामने आये हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए पुलिस कमिशनर की नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया।
आपको बता दे कि कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर असीम अरुण(Aseem Arun) ने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति(Voluntary Retirement Scheme VRS) ले ली है। और अब वह भाजपा के टिकट पर कन्नौज से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। असीम अरुण(Aseem Arun) मूलरूप से कन्नौज के ही रहने वाले हैं। उनके पिता स्व. श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे हैं।
असीम अरुण यूपी के आईपीएस अफसरों में दबंग अफसर रहें हैं। लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर में असीम अरुण की भूमिका अविस्मरणीय हैं। इन्होने कई आतंकी साजिशों का भी पर्दाफाश किया हैं। कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर बनाए जाने से पहले ये एडीजी पद पर थे और इन्हें एडीजी के पद से प्रमोट करके कानपुर का पहले पुलिस कमिश्नर बनाया गया था वहीं असीम अरुण एटीएस के आईजी भी रह चुके हैं। असीम अरुण ने नौकरी छोड़ने के बाद फेसबुक पर एक मैसेज पोस्ट किया।
उन्होंने लिखा कि आपको यह अवगत कराना चाहता हूं कि मैंने वीआरएस (ऐच्छिक सेवानिवृत्ति )के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं। मैं बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं कि माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता के योग्य समझा। मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं और पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल को सार्थक बनाऊं। मैं प्रयास करूंगा की महात्मा गांधी द्वारा दिए ”तिलस्म” कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूं। आईपीएस की नौकरी और अब यह सम्मान, सब बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ”अवसर की समानता” के लिए रचित व्यवस्था के कारण ही सम्भव है। मैं उनके उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति एवं सभी वर्गों के भाइयों और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करूंगा। मैं समझता हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे पिता जी स्व. श्रीराम अरुण जी एवं माता जी स्व. शशि अरुण जी के पुण्य कर्मों के प्रताप के कारण ही मिल रहा है। उनकी पुण्य आत्माओं को शत शत नमन।