IPBAK सातवीं और आठवीं बैच का IIM Indore में समापन, प्रो. राय ने दी एक नई राह

Akanksha
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Indore: बिजनेस एनालिटिक्स में एकीकृत पाठ्यक्रम (Integrated Programme in Business Analytics / आईपीबीए) के 7वें और 8वें बैच का समापन कार्यक्रम 26 मार्च, 2022 को आईआईएम इंदौर में हुआ। यह कार्यक्रम आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो.हिमाँशु राय; सिद्धार्थ पंत, हेड, डेटा साइंस (अकादमिक और संचालन), जिगसॉ  अकादमी; जितेंद्र मनवानी, आईपीबीए कार्यक्रम निदेशक, जिगसॉ  अकादमी, और प्रो. अर्नब कोले, कार्यक्रम समन्वयक, आईपीबीए, आईआईएम इंदौर की उपस्थिति में हुआ।

प्रो. हिमाँशु राय ने अपने संबोधन में आईपीबीए का एक नया दृष्टिकोण साझा किया – अखंडता अर्थात इंटीग्रिटी, उद्देश्य अर्थात पर्पस, संतुलन अर्थात बैलेंस और कार्य अर्थात एक्शन। ‘आप जो कुछ भी सोचते हैं, कहते हैं, और करते हैं – आपके विचार, शब्द और कार्य – सब कुछ सामंजस्य में होना चाहिए। इसके साथ ही, आप जो कुछ भी कहते हैं और करते हैं वह सार्वभौमिक कल्याण के लिए होना चाहिए।

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अब जब आप ज्ञान और कौशल से लैस हैं जो आपको स्पष्ट दृष्टि देगा,तो उस ज्ञान का उपयोग दुनिया की बेहतरी के लिए करें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें, ‘उन्होंने कहा। उन्होंने उद्देश्य यानि ‘पर्पस’पर चर्चा करते हुए कहा कि पता लगाएँ कि आप कहाँ पहुँचना चाहते हैं और आप किस प्रकार के ब्रह्मांड का हिस्सा बनना चाहते हैं। अपनी दृष्टि में कल्पना जोड़ें और फिर उस दुनिया को बनाने के लिए काम करें’, उन्होंने समझाया। ‘बैलेंस’ जरूरतों और इच्छाओं के बीच संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है।

‘ पैसा बेशक महत्वपूर्ण है। हालाँकि, मेरे लिए, पैसा वही है जो पैसा करता है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने पास उपलब्ध पैसे का उपयोग कैसे करते हैं। अपने शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन रखने से ही यह समझ आएगा’, उन्होंने समझाया। यात्रा की सुंदरता यात्रा ही है, न कि वह मंजिल जो आपने हासिल की है। आपको दूसरों के साथ तुलना करने की आवश्यकता नहीं है, न ही आपको अपने आप से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बस हर दिन एक बेहतर इंसान बनने पर ध्यान दें, यही संतुलन लाता है। ‘एक्शन’ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास दृष्टि है लेकिन वह उस पर अमल नहीं करता है तो वह सपना ही रह जाता है। ‘जब आप दृष्टि और क्रिया को जोड़ते हैं, तो इसमें दुनिया को बदलने की क्षमता होती है’, उन्होंने कहा।

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सिद्धार्थ पंत ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रतिभागियों को बधाई दी। ‘हम लगातार बदलती दुनिया में रह रहे हैं। इसलिए, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम खुद का आंकलन करें और अपने ज्ञान का विकास करते रहें। उन्होंने कहा कि सही कौशल और दृष्टिकोण के साथ, हम सभी भविष्य में चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम ने प्रतिभागियों के कौशल को बढ़ाया है और उन्हें तेजी से बदलते परिवेश के लिए प्रासंगिक कौशल और दक्षता हासिल करने में मदद की है।

इस अवसर पर कुल 254प्रतिभागियों ने प्रमाण पत्र प्राप्त किए। बैच के टॉपर्स को भी सम्मानित किया गया। जितेंद्र मनवानी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।