Indore News : सड़क पर भीख माँगने वाले बच्चों को भेजा जाए चाइल्ड लाइन शिक्षा ग्रह

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इंदौर : शहर के हर चौराहा पे भीख मांगने वालों की बन गयी टोली,छोटे से छोटा बच्चा चौराहे से भीख माँग कर 500 से 1000 रुपये रोज़ कमा लेता है। ऐसे ही रसोमा चौराहे पर एक परिवार है जिनके 5 बच्चें हैं,पूरा परिवार भीख माँगता है,और शाम को मिलकर सब दारू पीते हैं, यह परिवार मेदांता अस्पताल के सामने रहता है।

पिता दारू पी के रोज़ पैसे के लिए बच्चों के साथ मार पीट करता और आज तो उसने पैसे के लिए 2 से 3 महीनों के बच्चे का गला दबाने का प्रयास किया जिसे देख चौराहे पे मार पीट हो गयी। जनता ने 100 नो लगा कर पुलिस को बुलाया,पर वह आदमी पुलिस की गाढ़ी देख भाग गया, कुछ समय पहले इन बच्चों ने स्कूटर पे जा रही महिला की चेन खींचने का प्रयास किया था,जिसे बचाने के चक्कर में महिला का हाथ फ्रैक्चर हो गया।ये लोग बदमाश से खतरनाक होते जा रहें हैं सरकार से निवेदन है,इनके लिए चाइल्ड लाइन से एक शिक्षा केन्द्र खोला जाए जहाँ इन्हें पढ़ाया जा सके। आपकी मुस्कान जन जागृति समिति सचिव शालिनी रमानी ने बताया वह 2011 में चाइल्ड लाइन में मस्ती की पाठशाला नामक इन बच्चों की क्लास लगती थी जिसमें वह बच्चों को खेल खेल में पढ़ाती थी,उन में से एक बच्ची से उन्होंने पूछा तुम मुझे देख कर रोज़ सबसे पहले भाग कर आकर सीट ले लेती हो ऐसा क्यू?

वह बोली अगर मैं पड़ूँगी तो TV पे आऊंगी और आप मेरे लिए दुआ करोगे की मैं पढ़ लिखकर बड़ी अफ़सर बनूँगी।उन्होंने कहा दुआ और दान का असली मकसद उस दिन उन्हें उस बच्ची ने एहसास करवाया तब से वह बस्तियों में जाकर बच्चों को निस्वार्थ पढ़ाती है और उनके साथ खेलतीं है। बच्चों के साथ महिलाओं के विकास के लिए भी सँस्था ने गृह शिक्षा योजना बनाई है जिसमें वह महिलाओं को मात्र 850 रुपये में डिप्लोमा करवातीं है,फिर ट्रेनिंग के बाद महिलाओं को घर बैठे रोज़गार देती हैं,जिसमें रुई बत्ती,मेडिकल लिफ़ाफ़े,रबर बैंड,साड़ी लेस आदी आतें हैं।

उन्होंने यह भी बताया इंदौर में खजराना मोहल्ले में किन्नरों का एक ऐसा समुदाय है जिन्होंने भीख माँगने से किया इनकार और वह लगातार आँगनवाड़ी,सरकारी स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाने का कर रहें हैं प्रयास पर आम जनता एवं समाज उन्हें हर बार भगा देता,और कई लोगों ने किन्नरों के डर से बच्चों बंद किया स्कूल भेजना,जिसे देखते हुए अब किन्नर मेहँदी लगा कर अपना रोज़गार चला रहे है। इससे यह सीख मिलती है,अगर किसी व्यक्ति को शिक्षा दी जाए तो वह सही रास्ते पर चल सकता है,भीख मांगना शौक नहीं अज्ञानता है।