डॅा. वरूण कटारिया
मिर्गी (Epilepsy) एक तंत्रिकातंत्रीय विकार है जिसमे रोगी को बार बार दौरे पड़ते है। मस्तिष्क के काम करने में किसी गड़बड़ी के कारण बार बार दौरे पड़ने की समस्या हो जाती है। दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह अनियंत्रित हो जाता है और उसका शरीर असामान्य हो जाता है। इन दौरो में तरह तरह के लक्षण होते हैं जैसे बेहोशी आना गिर जाना हाथ पैर में झटके आना आदि। बेहोशी तथा अनियंत्रित हाथ पैर का हिलना मुख्य लक्षण है लेकिन मिर्गी अनुवांशिक बीमारी नही है। सही उपचार के बाद मरीज सामान्य जीवन आसानी से जी सकता है।
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उक्त बाते मेदांता सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल इंदौर (Medanta Super Speciality Hospital) के डॅाक्टर वरूण कटारिया ने कही। उन्होंने बताया कि समय समय पर इस संबंध में अवेयरनेस प्रोग्राम भी आयोजित किये जाते है ताकि लोगो को बीमारी से अवेयर किया जा सके। इसके साथ ही इस वर्ष हॅास्पिटल में विशेष ओपीडी का आयोजन किया गया है। इसमें प्रत्येक बुधवार को मरीजो को जानकारी और सुझाव दिये जा रहै है ताकि बीमारी को रोका जा सके और लोगो को जागरूक किया जा सके। डॅाक्टर कटारिया बताते है कि मिर्गी के मरीज को इलाज के साथ साथ अपनो के साथ की बहुत जरूरत होती है। सही इलाज के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। कई केस में यह बीमारी तीन चार साल के बाद ठीक हो जाती है लेकिन कई केस में पूरी जिंदगी दवाई खाना पड़ती है।