इंदौर मेट्रो के लिए तीन विकल्प सामने आए हैं, जिसमें इसे एचसी तिराहे के पास की बजाय बंगाली चौराहे से भूमिगत किया जा सकता है, या फिर इसे कृषि महाविद्यालय से भूमिगत किया जा सकता है या फिर मेट्रो एमजी रोड की बजाय रेसकोर्स रोड से गुजरेगी।
हालांकि, तकनीकी विशेषज्ञ इन तीनों सुझावों पर सर्वे करेंगे। पलासिया से एमजी रोड तक मेट्रो परियोजना के भूमिगत हिस्से को बनाने से पहले विशेषज्ञों की टीम सर्वे में तीन प्रमुख सुझावों की जांच करेगी और इसके संबंध में व्यवहार्यता रिपोर्ट पेश करेगी। व्यवहार्यता अध्ययन के बाद निर्णय लिया जाएगा। यह निर्णय सोमवार को नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो के विकास को लेकर सभी विभागों की बैठक में लिया।
बैठक में मेट्रो परियोजना के अधिकारी, पुलिस, प्रशासन, आईएमसी, आईडीए, पीडब्ल्यूडी, बीएसएफ, वन विभाग के अधिकारी, सभी जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि और अन्य लोग मौजूद थे। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर जनता की ओर से कई शिकायतें मिल रही हैं। वर्तमान में जो योजना बनी है, उससे जनप्रतिनिधि और जनता दोनों ही नाखुश हैं। मेट्रो की पूरी योजना बन चुकी है और 30-40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। खास मामला एमजी रोड का है। इसके लिए तीन विकल्प सामने आए हैं। पहला यह कि मेट्रो रूट को बंगाली चौराहे से भूमिगत किया जाए। फिलहाल इसे एबी रोड के पास बनाने की योजना है। दूसरा सुझाव है कि इसे बंगाली चौराहे की बजाय एग्रीकल्चर कॉलेज से भूमिगत किया जाए। इस पर भी अध्ययन चल रहा है। तीसरा सुझाव एमजी रोड की बजाय रेसकोर्स रोड का है। उन्होंने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञ इन तीनों सुझावों पर सर्वे करेंगे। विजयवर्गीय ने कहा कि मेट्रो को लेकर इंदौर और दिल्ली में कई निर्णय हो चुके हैं। यह शहर के हित का मामला है। बैठक में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी मौजूद थीं। उन्होंने बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उनकी बात का जनप्रतिनिधियों, विधायकों, महापौर और सामाजिक संगठनों ने समर्थन किया।