इंदौर: प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय की मरचुरी में शवों की दुर्दशा का मामला सामने आने के बाद भागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने सख्त रुप अपना लिया है। डॉ पवन शर्मा ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए है। दरअसल, संभागायुक्त के निर्देश पर अपर आयुक्त आईएएस रजनी सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके आधार पर संभागायुक्त ने कार्रवाई की बात कही है।
संभागायुक्त को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के अनुसार एमवायएच की मरचुरी में अज्ञात शवों का समय से डिस्पोज़ल नहीं किया जा रहा है। पाए गए शव (कंकाल) का समयसीमा में डिस्पोज़ल नहीं किए जाने के संबंध में संबंधित थाने संयोगिता गंज के अन्वेषण अधिकारी मनीष सिंह गुर्जर, आरक्षक दीपक धाकड़ की स्पष्ट लापरवाही परिलक्षित हुई है। पोस्टमार्टम के बाद उस शव को मरचुरी में प्राप्त करने वाले वार्ड ब्वाय के द्वारा भी शव के डिस्पोज़ल के संबंध में कोई प्रयास नहीं किया गया। इस संबंध में शव की डिस्पोज़ल प्रविष्टि में एंट्री करने के संबंध में भी लापरवाही पाई गई है।
इसके अलावा कार्य विभाजन आदेश के अनुसार एमएलसी का प्रभार डॉ. दीपक फड़से के पास में था। उनका कर्तव्य था की डेड बॉडी रजिस्टर एवं एमएलसी का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें, परंतु उनके द्वारा विधिवत एवं नियमित निरीक्षण नहीं किए जाने के कारण डेड बॉडी रजिस्टर में अधूरी प्रविष्टि एवं शव के डिस्पोज़ल न होने की स्थिति उत्पन्न हुई। इस संबंध में डॉ. दीपक फड़से के द्वारा कर्तव्य की उपेक्षा तथा असावधानी पाई गई है।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने सभी दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के ख़िलाफ़ जवाबदेही सुनिश्चित करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जांच रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर को संभागायुक्त द्वारा शोकॉज नोटिस दिया गया है। वहीं अस्पताल में लापरवाही बरतने वाले चार वॉर्ड बॉय को निलंबित किया जा रहा है। इसके अलावा डॉ. दीपक फड़से की दो वेतन वृद्धि रोकने के लिए संभागायुक्त ने नोटिस जारी किया है। पुलिस महकमें में लापरवाही करने वाले एक सब इंस्पेक्टर और आरक्षक के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई के लिए डीआईजी को पत्र लिखा गया। वहीं देर रात जांच रिपोर्ट के आधार पर डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने सब इंस्पेक्टर मनीष सिंह गुर्जर को निलंबित कर दिया है।