Navratri 2025 : नवरात्रि का पावन पर्व हिंदू धर्म में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना जाता है। यह नौ दिनों का विशेष समय मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। इन दिनों भक्त उपवास रखते हैं, कलश स्थापना करते हैं और देवी मां की आराधना में डूब जाते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में कुछ छोटी-छोटी गलतियां साधना और पूजा के फल को अधूरा कर देती हैं। इसलिए हर भक्त के लिए यह जानना जरूरी है कि किन बातों का पालन अनिवार्य है और किनसे बचना चाहिए।
पूजा-पाठ से जुड़ी सावधानियां
- संकल्प लेना न भूलें: नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना और संकल्प के साथ ही होती है। अगर व्रत रखा जा रहा है, तो संकल्प अवश्य लें। बिना संकल्प के पूजा अधूरी मानी जाती है।
- तुलसी का प्रयोग न करें: देवी दुर्गा की पूजा में तुलसी अर्पित करना वर्जित है। इसे अर्पित करने से पूजा खंडित हो सकती है।
- अखंड ज्योति का ध्यान रखें: यदि आपने अखंड ज्योति जलाई है, तो नौ दिनों तक वह बुझनी नहीं चाहिए। तेल या घी समय-समय पर डालते रहें और घर को खाली न छोड़ें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ: सप्तशती का पाठ नवरात्रि में अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे सही उच्चारण के साथ निरंतर पढ़ना चाहिए। बीच में रुक जाने से पाठ अधूरा माना जाता है।
- प्रतिमा या तस्वीर का स्थान: मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर हमेशा साफ और ऊंचे स्थान पर रखें। इसे जमीन या गंदी जगह पर रखना अशुभ होता है।
व्रत और खान-पान की गलतियां
- सात्विक भोजन का महत्व: नवरात्रि के दिनों में केवल सात्विक भोजन करना चाहिए। लहसुन, प्याज, मांसाहार और शराब जैसी चीजों का सेवन पूरी तरह वर्जित है।
- व्रत नियमों का पालन: व्रत के दौरान सेंधा नमक, कुट्टू के आटे, समा के चावल और फल का सेवन करें। सामान्य नमक का उपयोग न करें।
- चमड़े से दूरी: नौ दिनों तक चमड़े से बनी वस्तुओं जैसे जूते, बेल्ट या पर्स का प्रयोग न करें। इसे अपवित्र माना जाता है।
नवरात्रि में अपनाएं ये जरूरी बातें
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: नवरात्रि शुरू होने से पहले घर की पूरी तरह से सफाई कर लें। साफ-सुथरे वातावरण में देवी मां का वास होता है।
- काले कपड़े न पहनें: इन दिनों काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें। यह शोक का प्रतीक माना जाता है और पूजा में अशुभ होता है।
- क्रोध और नकारात्मकता से दूरी: नवरात्रि के समय मन को शांत रखें और ईर्ष्या, क्रोध या नकारात्मक विचारों से बचें। मां की भक्ति में लीन रहना ही सच्ची साधना है।
- बाल और नाखून न काटें: व्रत के दौरान बाल और नाखून काटना अशुभ माना गया है।
- दिन में न सोएं: व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिन में सोने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसे पूजा में विघ्न डालने वाला माना जाता है।
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