इंदौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक गोलू शुक्ला के परिवार द्वारा संचालित बस से हुए हादसे ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। इस हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत हुई और कई लोग घायल हुए। मृतकों में महेंद्र सोलंकी, उनकी पत्नी जयश्री और उनके दो बेटे तेजस व जिगर शामिल हैं। घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई और ड्राइवर को मिली जल्दी जमानत पर लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
हादसे के तुरंत बाद ड्राइवर शिव सोनवानिया और क्लीनर शंकर को हिरासत में लिया गया। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने जो धाराएं लगाई थीं, उन्हें कई विशेषज्ञ और आम जनता कमजोर मान रही हैं। यही वजह रही कि ड्राइवर को रात को साढ़े ग्यारह बजे रात ही सांवेर जिला कोर्ट से जमानत मिल गई। मृतक परिवार और समाजजन इस पर बेहद नाराज हैं और उन्होंने रविवार सुबह लव-कुश चौराहा से घटनास्थल तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया है। साथ ही करणी सेना ने भी चक्काजाम की चेतावनी दी है।
हादसे में लगी धाराओं का विवरण
इस भयावह दुर्घटना में पुलिस ने ड्राइवर और क्लीनर के खिलाफ कई धाराएं लगाई हैं:
• बीएनएस धारा 105: गैर इरादतन हत्या, अधिकतम सजा 10 साल, आमतौर पर थाने से जमानत नहीं मिलती।
• बीएनएस धारा 110: गैर इरादतन हत्या का प्रयास, 3–7 साल की सजा और जुर्माना। यह घायल हुए व्यक्ति की उपचार के दौरान हुई मौत पर आधारित है।
• मोटर व्हीकल एक्ट 185: वाहन लापरवाही से चलाने पर, 10,000–15,000 रुपए जुर्माना और मामूली सजा।
इन धाराओं के बावजूद पुलिस की कार्रवाई इतनी कमजोर रही कि ड्राइवर को कोर्ट ने तुरंत जमानत दे दी।
शुक्ला के बयान से बड़ा विवाद
विधायक गोलू शुक्ला का कहना है कि हादसे का कारण यह था कि बाइक सवार खड़ी बस में पीछे से घुस गया। उन्होंने संवेदना जताई, लेकिन मृतक परिवार ने इस बयान को झूटा बताया है।
ड्राइवर को मिली जमानत और उसके कारण
पुलिस ने जो धाराएं लगाई, उनमें से कई मामूली और कमजोर थीं। उदाहरण के लिए:
• बीएनएस 281: रैश ड्राइविंग, अधिकतम 6 माह की सजा।
• बीएनएस 125 ए: ऐसा काम जिससे दूसरों का जीवन संकट में आए, अधिकतम 3 साल की सजा।
• बीएनएस 106 (1): लापरवाही से ऐसा काम जिससे किसी की मौत हो, अधिकतम 5 साल की सजा।
इन कमजोर धाराओं के चलते ही ड्राइवर को तुरंत जमानत मिल गई, जबकि चार लोगों की जान चली गई।
परिवार की नाराजगी
सोलंकी परिवार और के समाजजन इस कार्रवाई से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत जमानत देना न्याय के खिलाफ है। मृतक परिवार ने रविवार को लव-कुश चौराहा से घटनास्थल तक पैदल मार्च निकालने का निर्णय लिया और करणी सेना ने चक्काजाम की चेतावनी दी।
पुलिस का पक्ष और सवाल
एसपी यांगचेन डोलकर भूटिया का कहना है कि रैश ड्राइविंग की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। जबकि उन्होंने बताया कि गंभीर धाराएं जैसे शराब पीकर वाहन चलाना और जानलेवा लापरवाही शामिल नहीं हैं।
इंदौर में हुए इस हादसे ने प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक परिवार और समाजजन अब न्याय की मांग कर रहे हैं और आगामी दिनों में इस घटना के प्रति उनकी प्रतिक्रिया और आंदोलन देखने को मिल सकता है।