इंदौर(Indore) : मालवांचल यूनिवर्सिटी में फिजियोथैरपी के विद्यार्थियों के लिए फेशियल फ्लॉस कम्प्रेशन थेरेपी पर दो दिवसीय इंटरनेशनल वर्कशॅाप की शुरूआत बुधवार को हुई। इंडेक्स डिपार्टमेंट आफ फिजियोथैरेपी एंड पैरामेडिकल साइंसेस द्वारा यह वर्कशॅाप आयोजित की गई। इसमें भारत में पहली बार इटली के डॉ. क्रिश्चियन विलेला इटालियन एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल ओस्टियोपैथ्स के अध्यक्ष आए। भारत में दिल्ली और इंदौर में फिजियोथैरेपी के युवाओं को प्रशिक्षित किया। मप्र में पहली बार मालवांचल यूनिवर्सिटी में फेशियल फ्लॉस कम्प्रेशन थेरेपी के बारे में जानकारी दी।
डॉ. क्रिश्चियन विलेला के साथ डॉ. चिराग वर्मा ने युवाओं को फिजियोथैरेपी के बारे में जानकारी दी। डॉ. क्रिश्चियन विलेला ने कहा कि फिजियोथैरेपी ऐसा क्षेत्र है जो मेडिकल और खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों से सीधे जुड़ा हुआ है। अब फिजियोथैरेपी में भी वक्त के साथ बड़े बदलावों की जरूरत है। पहले जहां फिजियोथैरेपी में मशीनों का महत्व ज्यादा था। अब मॅार्डन फिजियोथैरेपी में कई ऐसे नई थैरेपी विकसित हुई जो मरीज को चंद मिनटों में आराम देती है। अब साइटिका और अन्य बीमारी में नई तकनीक का इलाज मरीजों के लिए विदेशों में भी काफी फायदेमंद साबित हो रहा है।
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इस अवसर पर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया, मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.चासंलर डॉ. संजीव नारंग, कुलपति एन के त्रिपाठी ,रजिस्ट्रार डॉ. एम क्रिस्टोफर,इंडेक्स डायरेक्टर आर एस राणावत, एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, मेडिकल कॅालेज डीन डॉ.जीएस पटेल,मेडिकल सुप्रिडेंटेंड लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ.अजयसिंह ठाकुर,डिपार्टमेंट पैरामेडिकल प्राचार्य डॉ. रेशमा खुराना उपस्थित थे।
भारतीय छात्रों के लिए सुनहरा भविष्य
फेशियल फ्लॉस कम्प्रेशन थेरेपी की इंटरनेशनल तकनीक को जानने का मौका पहली बार भारत में फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों को मिला। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए भारत के साथ विदेशों में भी कई बेहतर अवसर मौजूद है। एक ओर जहां भारत में हम कोर्स करने के बाद फिजियोथैरेपी सीधे शुरु कर सकते है।
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विदेशों में इसके लिए पहले आपको सर्टिफिकेट एग्जाम पास कर लाइसेंस हासिल करना होगा। इसके बाद अब विदेशों में भी मेडिकल और खेल आदि क्षेत्रों में करियर बना सकते है। उन्होंने इंदौर में युवाओं को कंधों, कोहनी, कलाइयों, साइटिका और घुटनों का दर्द के बारे जानकारी दी। डॉ. क्रिश्चियन विलेला खासतौर पर युवाओं को प्रशिक्षित किया। इंटरनेशनल वर्कशॅाप में मिला सर्टिफिकेट विभिन्न देशों में मान्य रहेगा।
युवाओं ने सीखी मॉडर्न तकनीक
डॉ. क्रिश्चियन विलेला को भारत में डॉ. चिराग वर्मा लाए है। वर्कशॅाप में 100 विद्यार्थियो ने हिस्सा लिया। इसमें थैरेपी की विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. चिराग वर्मा ने कहा कि डॉ. विलेला भारत में ऑस्टियोपैथी, पीडियाट्रिक ऑस्टियोपैथी, फिजियोथेरेपी के बारे में जानकारी दी। ऑस्टियोपैथी के साथ ही विभिन्न प्रकार की बीमारियों (पाचन समस्याओं, टेनिस एल्बो, बच्चों का रोना, सिरदर्द आदि के बारे में जानकारी दी।फिजियोथेरेपी में डिस्क हर्नियेशन, कंधे में दर्द, मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम की मांसपेशियों में असंतुलन, फ्रैक्चर के बाद के मॉडर्न तकनीक के उपचारों के बारे में युवाओं को प्रशिक्षित किया। संचालन डॉ. वैशाली पटेल ने किया।
Source : PR