Waqf Bill: मुस्लिम बस्तियों पर BJP की नजर, संसद की मंजूरी के बाद वक्फ पर क्या होगा सरकार का अगला प्लान?

वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। विपक्ष इसे भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल करने की तैयारी में है, जबकि भाजपा इसे मुस्लिम महिलाओं और पिछड़े मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रही है।

Abhishek Singh
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Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दल इसे भाजपा के खिलाफ एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं, जबकि भाजपा भी अपनी रणनीति को और मजबूत करने में जुटी है। ट्रिपल तलाक कानून के बाद अब भाजपा संशोधित वक्फ कानून को मुस्लिम महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े (पसमांदा) मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पकड़ बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रही है। पार्टी का उद्देश्य इस वर्ग में अपनी स्वीकार्यता को और विस्तार देना है।

मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बनाने की भाजपा की पहल

मोर्चा के कार्यकर्ता मुस्लिम बस्तियों में जागरूकता अभियान चलाएंगे, जिसमें वे लोगों को बताएंगे कि अब तक वक्फ संपत्ति का लाखों-करोड़ों रुपये का दुरुपयोग किस तरह कुछ माफिया कर रहे थे। वे यह भी समझाएंगे कि इस संपत्ति से कितनी आय हो सकती थी और इससे मुस्लिम समाज को कितना लाभ मिल सकता था। साथ ही, कानून में संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड में महिलाओं और पिछड़े मुसलमानों की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त होने की जानकारी दी जाएगी। कार्यकर्ता यह संदेश भी देंगे कि भाजपा ने गरीब और पिछड़े मुस्लिम समाज के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

मोर्चा अध्यक्ष का कहना है कि तीन तलाक कानून ने मुस्लिम महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है, जबकि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत गरीब मुस्लिमों को लाभ मिलने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनका भरोसा और मजबूत हुआ है। इसी तरह, वक्फ संशोधन विधेयक भी उन विपक्षी दलों को बेनकाब करेगा जो केवल मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति करते हैं, साथ ही यह स्पष्ट संदेश देगा कि भाजपा बिना किसी भेदभाव के मुस्लिम समाज के हित में भी काम कर रही है।

भाजपा का अल्पसंख्यकों के बीच विश्वास बढ़ाने का प्रयास

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा पुराने और नए कानूनों से जुड़ी फैक्ट फाइल के साथ मुस्लिम बस्तियों तक पहुंचने की योजना बना रहा है। संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें विपक्ष ने भाग तो लिया, लेकिन विधेयक के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करने के बजाय भाजपा को मुस्लिम विरोधी साबित करने का प्रयास किया। कई विपक्षी नेताओं ने खुलकर भाजपा पर पक्षपात के आरोप लगाए। भाजपा पहले से ही इस प्रतिक्रिया की संभावना को भांप चुकी थी, इसलिए जहां सरकार ने कानून के प्रावधानों को मजबूत किया, वहीं संगठन ने इसके राजनीतिक प्रभाव को रणनीतिक रूप से आगे बढ़ाने की तैयारी कर ली।

I.N.D.I.A गठबंधन के तहत एकजुट होकर संघर्ष कर रहे कांग्रेस, सपा, डीएमके, राजद, एनसीपी और टीएमसी जैसे दलों को मुस्लिम वोटों के अपने पक्ष में मजबूत होने की संभावना से उम्मीदें बढ़ गई हैं। वहीं, भाजपा का कहना है कि अब इन दलों की असल रणनीति को उजागर करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि पार्टी ने वक्फ मुद्दे को व्यापक स्तर पर जनता तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की है। निर्णय लिया गया है कि संसद में विधेयक पारित होने की तिथि, 3 अप्रैल, को “वक्फ आजादी दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। इस संदेश को प्रभावी बनाने के लिए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के 65 हजार पदाधिकारी और 38 लाख सदस्य सक्रिय रूप से इस अभियान में सहभागिता करेंगे।