ब्रजेश पाठक बने भाजपा की ब्राह्मण रणनीति के केंद्र, महासभा में दिखी ताकत

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By Saurabh SharmaPublished On: July 16, 2025

उत्तर प्रदेश की सियासत में ब्राह्मण समाज एक अहम भूमिका निभाता आया है। आगामी विधानसभा और पंचायत चुनावों को देखते हुए भाजपा ने इस समाज को फिर से अपने पाले में लाने की कवायद तेज कर दी है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इस अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। वह सरकार का ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं और अब पार्टी के रणनीतिक फ्रंट पर सक्रिय हो गए हैं। पाठक न सिर्फ विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे हैं, बल्कि सजातीय नेताओं से निरंतर संवाद स्थापित कर समाज को साधने में लगे हैं।

विरोधियों के वार की काट तलाशती भाजपा

सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति के जवाब में भाजपा ने ब्राह्मणों समेत सवर्ण वर्गों को केंद्र में रखते हुए नई रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल 33 सीटों पर जीत मिली थी जबकि सपा 37 सीटें जीतने में सफल रही थी। चुनावी विश्लेषण में यह बात उभरी थी कि ब्राह्मणों की नाराजगी भी भाजपा के नुकसान की एक वजह थी। अब भाजपा इस वर्ग की उपेक्षा नहीं करना चाहती और हर दांव की काट तैयार कर रही है।

ब्राह्मण महासभा में उप मुख्यमंत्री को मिली बड़ी जिम्मेदारी

मंगलवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की साधारण सभा में हिस्सा लिया। इस सभा में उन्हें सर्वसम्मति से प्रदेश संरक्षक घोषित किया गया। इस मौके पर परशुराम सेना और महिला ब्राह्मण सभा सहित प्रदेश भर से आए प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पाठक ने भरोसा दिलाया कि ब्राह्मण समाज की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और वे स्वयं हर समय उपलब्ध रहेंगे।

ब्राह्मण कल्याण बोर्ड और अवकाश की मांग

सभा में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. केसी पांडेय ने ब्राह्मण कल्याण बोर्ड, सवर्ण आयोग के गठन और परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की मांग रखी। डॉ. पांडेय पहले सपा से जुड़े रहे और 2022 में भाजपा में शामिल हुए। उनका अनुभव और ब्राह्मण समाज में पकड़ भाजपा के लिए लाभदायक हो सकती है। कार्यक्रम में कई प्रमुख पदाधिकारी जैसे सुरेश शुक्ल, हरिनाम बाबू मिश्र, डॉ. एसके शुक्ला, वंदना चतुर्वेदी और अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।