गाजियाबाद के झुग्गीवासियों को बांग्लादेशी’ बताकर तोड़ी झुग्गियां, आरोपी गिरफ्तार

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By Srashti BisenPublished On: August 11, 2024

गाजियाबाद में शुक्रवार को हिंदू रक्षा दल नामक दक्षिणपंथी समूह ने रेलवे स्टेशन के पास झुग्गी बस्ती में रहने वाले कई लोगों की कथित तौर पर पिटाई की। पुलिस ने बताया कि इन हमलों का आरोप झुग्गीवासियों पर बांग्लादेशी होने का था। इस हमले में 47 वर्षीय राजवती सहित कई लोग प्रभावित हुए। राजवती ने बताया कि जब वह अपनी झोपड़ी के बाहर खाना बना रही थी, तभी अचानक लोगों का एक समूह आया और लकड़ी के डंडों से उन पर हमला कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई

गाजियाबाद पुलिस ने हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी और उनके साथ मौजूद एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि हमलावरों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, एसीपी ने पुष्टि की है कि पिंकी चौधरी और उनके 15-20 समर्थकों ने इलाके में झुग्गियों को नष्ट कर दिया। शुरुआती जांच में पुलिस को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि ये लोग बांग्लादेश से हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के बयान

एक प्रत्यक्षदर्शी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि समूह के सदस्य एक व्यक्ति को पकड़कर उसका नाम पूछ रहे थे। जब व्यक्ति ने अपना नाम रेहान बताया, तो उन्हें बांग्लादेशी मानकर उसकी पिटाई शुरू कर दी। समूह ने रेहान पर हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार करने का आरोप लगाया।

एफआईआर और कानूनी धाराएँ

मधुबन बापूधाम थाने में सब-इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें दंगा करने के लिए धारा 191(2), किसी व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने के लिए धारा 354 कि वह ईश्वरीय प्रकोप का पात्र है, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए धारा 115(2), गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए धारा 117(4), धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए धारा 299 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए धारा 324(5) शामिल हैं।

पिंकी चौधरी की धमकी

यह घटना पिंकी चौधरी द्वारा जारी किए गए एक वीडियो के बाद हुई, जिसमें उसने धमकी दी थी कि अगर सरकार 24 घंटे के भीतर कार्रवाई नहीं करती है तो वह भारत में बांग्लादेशियों को निशाना बनाएगा। यह धमकी बांग्लादेश के गंभीर राजनीतिक संकट के बीच आई है, जिसमें हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और भागना पड़ा।