प्रवचन में पंडित प्रदीप मिश्रा का दावा, अमित शाह हैं भगवान शिव के अवतार, सोशल मीडिया पर मचा घमासान

सिंहेश्वर, मधेपुरा में शिव महापुराण कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना भगवान शिव से की और 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।

Abhishek Singh
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सिंहेश्वर मधेपुरा में आयोजित शिव महापुराण कथा के दौरान कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना भगवान शिव से करते हुए उनकी सराहना की। साथ ही, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर उन्होंने 24 अप्रैल को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो जारी कर इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को वे कलयुग में भगवान शंकर का रूप मानते हैं। उनके अनुसार, शाह की शांत और मौन छवि के पीछे एक प्रचंड तांडव की क्षमता निहित है। उन्होंने विश्वास जताया कि आतंकियों को जल्द ही उनके कृत्यों का परिणाम भुगतना होगा।

इंटरनेट पर छिड़ी तीखी बहस

हालांकि पंडित मिश्रा का यह वक्तव्य सोशल मीडिया पर तीव्र विवाद का कारण बन गया। अनेक यूजर्स ने एक जीवित राजनेता की भगवान शिव से तुलना को अनुचित बताते हुए इसे महादेव का अपमान करार दिया। कुछ ने उन पर भाजपा के प्रचारक के रूप में कार्य करने का आरोप भी लगाया। एक यूजर ने टिप्पणी की, “यह धार्मिक कथा नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रचार जैसा प्रतीत होता है। किसी राजनेता की भगवान शिव से तुलना करना निंदनीय है।”

वहीं, कुछ अन्य यूजर्स ने पंडित मिश्रा की टिप्पणी को धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करार दिया। गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई लोगों की जान चली गई थी, जिनमें पर्यटक भी शामिल थे। इस घटना ने पूरे देश में गहरा आक्रोश उत्पन्न किया है।

धर्म पूछकर गोली मारी

आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पंडित मिश्रा ने कहा कि आतंकियों ने किसी जाति को नहीं देखा, बल्कि हिंदू होने के कारण लोगों को अपना शिकार बनाया। उन्होंने एक नवविवाहित युवक का उदाहरण दिया, जिसकी शादी को सिर्फ आठ दिन हुए थे और जो कश्मीर घूमने आया था, उसे आतंकियों ने गोली मार दी। पंडित मिश्रा ने कहा कि आज उसकी पत्नी शोक में डूबी हुई है। उन्होंने कथा में उपस्थित श्रोताओं से आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि हर घर के बच्चे-बच्चियों को शस्त्र चलाना सिखाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह फर्क नहीं पड़ता कि आपके घर में शास्त्र हैं या नहीं, लेकिन अब आपके बच्चों को शस्त्र चलाने की कला आनी चाहिए। इस पर कथा स्थल पर मौजूद श्रोताओं ने तालियों से उनका समर्थन किया।