छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का पोलमपाड़ गांव आज उस अंधेरे से बाहर निकल आया है जिसमें वह पिछले 40 वर्षों से डूबा हुआ था। आधुनिक युग में जहां बिजली हर घर की बुनियादी जरूरत है, वहीं इस गांव के लोग दशकों से बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे।
इसका मुख्य कारण था क्षेत्र में फैला नक्सली आतंक, जिसने न सिर्फ बिजली के कनेक्शन नष्ट कर दिए थे बल्कि गांव तक पहुंचने वाली सड़कों को भी तहस-नहस कर दिया था।

नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार, बहाल हुई सुविधाएं
सरकार और सुरक्षा बलों की लगातार कोशिशों के चलते अब स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। 2024 में CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) ने गांव के पास अपना कैंप स्थापित किया, जिसके बाद विकास कार्यों को दोबारा शुरू किया गया। पोलमपाड़ में आखिरकार 40 साल बाद बिजली पहुंचाई गई है और सड़कों की मरम्मत भी की गई है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने जानकारी दी कि गांव में अब बिजली बहाल हो चुकी है और इससे विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
गांव में लौट आई रौनक, लोगों में खुशी की लहर
विकास की इन सुविधाओं के लौटने से गांव में एक नई ऊर्जा और उमंग देखी जा रही है। वर्षों से अंधेरे में जीवन बिता रहे ग्रामीण अब रोशनी से जगमगाते अपने घरों को देखकर बेहद खुश हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कैंप लगने के बाद न केवल बिजली मिली, बल्कि सड़कें भी बेहतर हो गईं, जिससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इस खुशी को जाहिर करते हुए गांववालों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे देशभक्ति के नारों के साथ अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।