एमपी के इस शहर को मिला विकास का मेगा प्लान, 23,332 करोड़ की परियोजनाएं होंगी शुरू

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन में दो एलिवेटेड कॉरिडोर सहित 23,332 करोड़ रुपये के 153 विकास कार्यों की सौगात दी है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है, साथ ही उज्जैन को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की योजना भी बनाई गई है।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश की पवित्र धार्मिक नगरी उज्जैन को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ी सौगात दी है। सिंहस्थ 2028 के आयोजन से पहले शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से दो एलिवेटेड कॉरिडोर (उन्नत पुल मार्ग) बनाए जाएंगे। यह निर्णय शहर में लगातार बढ़ रहे यातायात दबाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इन पुलों के निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (PWD) को सौंपी गई है।

पहला एलिवेटेड ब्रिज मकोड़िया आम चौराहे से शुरू होकर देवासगेट और रेलवे स्टेशन को पार करते हुए हरिफाटक ब्रिज तक पहुंचेगा। दूसरा कॉरिडोर निकास चौराहे से शुरू होकर दौलतगंज होते हुए इंदौर गेट तक जाएगा। लोक निर्माण विभाग इन परियोजनाओं के लिए जल्द ही फिजिकल सर्वे के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। यह दोनों कॉरिडोर सिंहस्थ 2028 से पहले तैयार कर लिए जाएंगे।

सिंहस्थ 2028 के लिए व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास

सरकार ने सिंहस्थ महाकुंभ को सफल बनाने के लिए अब तक 23,332 करोड़ रुपये की लागत से 153 विकास कार्यों को मंजूरी दे दी है। इसमें श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु प्रमुख सड़कों का निर्माण भी शामिल है, जैसे – उज्जैन-मक्सी मार्ग, सिंहस्थ बायपास, इंगोरिया-उन्हेल मार्ग और इंदौर-उज्जैन वैकल्पिक मार्ग।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा रहेगी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए सिंहस्थ मेले के दौरान आर्मी की तैनाती की भी घोषणा की है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उज्जैन के प्रमुख देवस्थानों को ‘देवलोक’ के रूप में विकसित करने की कार्य योजना जल्द तैयार की जाए।

उज्जैन बनेगा मेडिकल टूरिज्म का नया केंद्र

उज्जैन को सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि हेल्थ व वेलनेस हब के रूप में भी विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि योगा, वेलनेस, नेचुरोपैथी, एलोपैथी और आयुर्वेद के केन्द्रों के साथ-साथ मेडिकल डिवाइस उद्योग, फार्मा कंपनियों और रिसर्च संस्थानों को जोड़कर एक एकीकृत योजना तैयार की जाए। इस प्रयास से उज्जैन को मेडिकल टूरिज्म के एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभारा जाएगा।