एमपी के इन 7 शहरों के बीच में बनेगा ऑक्सीजन पार्क, बढ़ते प्रदूषण से मिलेगी राहत

मध्यप्रदेश सरकार ने शहरी प्रदूषण और बढ़ते तापमान से निपटने के लिए सात शहरों में "ऑक्सीजन पार्क" विकसित करने की योजना बनाई है, जहां हजारों पेड़ लगाए जाएंगे। यह पहल केंद्र सरकार की नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत की जा रही है, जिससे शुद्ध हवा और ठंडा वातावरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

Srashti Bisen
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राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण और बढ़ते तापमान से निपटने के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की है। इस योजना के तहत प्रदेश के सात प्रमुख शहरों में “ऑक्सीजन पार्क” बनाए जाएंगे, जहां हजारों की संख्या में पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। यह योजना केंद्र सरकार की नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के अंतर्गत चलाई जा रही है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत प्रदेश की राजधानी भोपाल के साथ-साथ इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, सतना और उज्जैन में की जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उप संचालक बी. डी. भूमरकर के अनुसार इन शहरों को एनसीएपी योजना के तहत चयनित किया गया है, जहां घने जंगलों की तरह विकसित किए गए ऑक्सीजन पार्क तैयार किए जाएंगे।

ऑक्सीजन पार्क के लाभ?

ऑक्सीजन पार्कों में 60,000 से अधिक पौधे लगाए जाएंगे और बड़े पार्क क्षेत्रों में यह संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। इन पेड़ों के माध्यम से न केवल ऑक्सीजन स्तर में सुधार होगा, बल्कि आसपास के वातावरण का तापमान भी कम होगा। इससे शहरों की हवा शुद्ध होगी और नागरिकों को राहत मिलेगी।

सरकार का मानना है कि बढ़ती गर्मी और प्रदूषण के कारण लोग शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। ऐसे में यह हरियाली न केवल स्वच्छ हवा देगी बल्कि वातावरण को भी ठंडा बनाएगी। यही कारण है कि इन पार्कों को “ऑक्सीजन पार्क” नाम दिया गया है।

पहले से बने पार्क होंगे अपग्रेड

इस योजना के अंतर्गत केवल नए पार्क ही नहीं बनाए जाएंगे, बल्कि पहले से मौजूद पार्कों को भी ऑक्सीजन पार्क में बदला जाएगा। इसके लिए विशेष प्लान तैयार किया गया है, जिससे पुराने पार्कों में अधिक से अधिक हरियाली बढ़ाई जा सके।

देश में कहां-कहां हैं ऑक्सीजन पार्क?

अब तक देश में तीन राज्यों – गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में ऑक्सीजन पार्क बनाए जा चुके हैं। गुजरात के अहमदाबाद में देश का पहला ऑक्सीजन पार्क केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू किया गया था। अब मध्यप्रदेश चौथा राज्य बनने जा रहा है, जहां यह हरित क्रांति शहरों के बीच लाई जाएगी।