MP की सड़कों का बदलेगा नक्शा, ट्रैफिक की परेशानी होगी खत्म, 70 करोड़ की लागत से होगा चौड़ीकरण का कार्य

सिंहस्थ महापर्व 2026 को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार उज्जैन की दो प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण और आधुनिकीकरण कर रही है। 70 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के तहत एक सड़क फोरलेन और दूसरी सिक्स लेन बनेगी, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी उज्जैन विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी सिंहस्थ महापर्व 2026 के मद्देनज़र उज्जैन में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सरकार ने शहर की दो प्रमुख सड़कों के चौड़ीकरण और आधुनिकीकरण की योजना बनाई है।

इस परियोजना पर कुल 70 करोड़ रुपये की लागत आएगी, और इसके टेंडर उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) द्वारा जारी कर दिए गए हैं। निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा।

शंकराचार्य चौराहे से उज्जैन खेड़ा तक

इस योजना के अंतर्गत पहली सड़क शंकराचार्य चौराहे से शुरू होकर भूखी माता मंदिर होते हुए उज्जैन खेड़ा तक बनेगी। इस सड़क को फोरलेन में तब्दील किया जाएगा और इसके निर्माण पर लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मार्ग का उद्देश्य सिंहस्थ के दौरान शहर के पूर्वी क्षेत्र में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यातायात उपलब्ध कराना है। इसके माध्यम से भीड़भाड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

खाक चौक चौराहे से भारतुहारी गुफा तक

दूसरी सड़क खाक चौक चौराहे से गढ़ कालिका मंदिर होते हुए भारतुहारी गुफा तक जाएगी। यह सड़क 24 मीटर चौड़ी होगी और इसे सिक्स लेन में विकसित किया जाएगा। इस मार्ग के निर्माण में 25 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह सड़क धार्मिक और पर्यटन दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीधे कई प्रमुख स्थलों को जोड़ती है।

आधुनिक सुविधाओं से होगी लैस

दोनों सड़कों को अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया जाएगा। इनके निर्माण में सीमेंट-कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा जिससे सड़कें ज्यादा टिकाऊ होंगी। साथ ही, सड़कों के किनारे फुटपाथ, अंडरग्राउंड यूटिलिटी लाइन, स्ट्रीट लाइटिंग, और पानी की सप्लाई व्यवस्था भी की जाएगी। इससे ना केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी आधुनिक बनेगा।

जाम की समस्या से मिलेगा राहत

सिंहस्थ महापर्व के दौरान उज्जैन में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे अक्सर शहर में जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस बार सरकार पहले से सतर्क है और उसने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस धार्मिक आयोजन के दौरान किसी भी श्रद्धालु को परेशानी ना हो। चौड़ी और व्यवस्थित सड़कों के निर्माण से यातायात सुचारु रहेगा और लोगों को राहत मिलेगी।

UDA को सौंपा गया निर्माण कार्य

इस पूरी परियोजना का कार्य उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) को सौंपा गया है। यह दोनों सड़कें ‘आध्यात्मिक नगरी योजना’ के अंतर्गत आती हैं, इसलिए इस बार लोक निर्माण विभाग (PWD) को जिम्मेदारी नहीं दी गई है। UDA के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप सोनी ने जानकारी दी कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।