स्वच्छता और विकास में देशभर में अग्रणी बनकर “स्वच्छता का महागुरु” कहलाने वाले इंदौर की इस उपलब्धि को और अधिक सशक्त पहचान देने के उद्देश्य से, जे.के. सुपर सीमेंट ने निपानिया सर्कल पर ‘हैंड ऑफ प्रोग्रेस’ नामक 13 फीट ऊँचे स्मारक का लोकार्पण किया। यह स्मारक न केवल देशभर के श्रमिकों और स्वच्छता कर्मियों की अथक मेहनत और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि इंदौर की जनता को भी समर्पित है, जिन्होंने सामूहिक प्रयास और जागरूकता से शहर को लगातार स्वच्छता में देश का अग्रणी शहर बनाया।
इस लोकार्पण समारोह का उद्घाटन पुष्यमित्र भार्गव (महापौर) ने किया। इस अवसर पर रमेश मेंदोला (विधायक), बालमुकुंद सोनी (क्षेत्रीय पार्षद), सुरेश तावड़े (पार्षद) और मंडल अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, स्वच्छता प्रेमी, श्रमिक समुदाय के प्रतिनिधि, जे.के. सीमेंट के वरिष्ठ अधिकारी और डीलर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता कर्मियों और श्रमिकों का विशेष सम्मान किया गया। शहर की सफाई और निर्माण कार्यों में सक्रिय योगदान देने वाले कई सफाईकर्मियों और श्रमिकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शहरवासियों से यह अपील भी की गई कि वे इन असली नायकों के योगदान को केवल अवसर विशेष पर नहीं, बल्कि हर दिन याद रखें और उनके प्रयासों को सम्मान दें।
लोकार्पण समारोह में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “स्वच्छता और विकास की असली ताकत मेहनतकश हाथों और जागरूक नागरिकों के सामूहिक प्रयास में है। इंदौर ने लगातार देश का स्वच्छतम शहर बनकर यह साबित किया है कि जब जनता और श्रमिक मिलकर काम करते हैं तो शहर केवल स्वच्छ ही नहीं, बल्कि प्रेरणा का केंद्र भी बन जाता है। ‘हैंड ऑफ प्रोग्रेस’ इंदौर की इसी भावना और श्रमिकों के योगदान को स्थायी पहचान देता है।”
जे.के. सुपर सीमेंट के प्रवक्ता ने कहा, “‘हैंड ऑफ प्रोग्रेस’ सिर्फ कंक्रीट की संरचना नहीं, बल्कि उन हाथों का प्रतीक है, जो देश की नींव रखते हैं, सड़कें और पुल बनाते हैं, शहरों को स्वच्छ रखते हैं और भारत को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाते हैं। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा, ताकि हर कोई समझ सके कि राष्ट्र निर्माण में सबसे अहम योगदान वही देते हैं, जो बिना सुर्खियों में आए, खामोशी से देश को मजबूत बनाते हैं। यह अनूठा स्मारक केवल इंदौर तक सीमित नहीं है। जे.के. सुपर सीमेंट ने ‘हैंड ऑफ प्रोग्रेस’ को देशभर के तीन प्रमुख स्थानों — इंदौर (मध्य प्रदेश) के निपानिया सर्कल, भीलवाड़ा (राजस्थान) के सरस्वती सर्कल और सीकर (राजस्थान) के रींगस क्रॉसिंग — पर भी स्थापित किया है।”
रमेश मेंदोला और अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे स्मारक समाज में श्रम, स्वच्छता और विकास की अहमियत को और मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक प्रतीक है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि प्रगति की असली बुनियाद वही हैं, जो बिना सुर्खियों में आए अपने श्रम से राष्ट्र निर्माण करते हैं।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए नागरिकों, स्वच्छता प्रेमियों, जे.के. सीमेंट के अधिकारियों और डीलरों ने इस स्मारक को इंदौर के लिए गर्व का प्रतीक बताया और इसे शहर की नई पहचान के रूप में स्वीकार किया।