इंदौर में हरियाली का महाप्लान, 11 एकड़ में बनेगा मध्यप्रदेश का पहला ऑक्सीजन गार्डन, लगेंगे लाखों पौधे

Author Picture
By Abhishek SinghPublished On: July 19, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत अब तक देशभर में 141 करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। यह पर्यावरण संरक्षण का जनांदोलन निरंतर आगे बढ़ रहा है। इसी दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने भी ठोस पहल की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की सक्रिय भूमिका के तहत प्रदेश में पहली बार “ऑक्सीजन गार्डन” की अवधारणा को वास्तविक रूप देने की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है।

हरियाली में सहेजा जाएगा स्वास्थ्य का खजाना

इस पहाड़ी इलाके में नीम, पीपल, बरगद, अशोक, आम, महुआ, रेन ट्री, जामुन और उंबर जैसी औषधीय और छायादार प्रजातियों के लाखों पौधे लगाए जाएंगे। यह ऑक्सीजन गार्डन न केवल नागरिकों को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराएगा, बल्कि पक्षियों के लिए भी एक आदर्श प्राकृतिक आवास बनेगा। विभिन्न पक्षी प्रजातियों के आगमन से यह क्षेत्र एक समृद्ध पक्षी विहार और आकर्षक पर्यटन केंद्र के रूप में उभर सकेगा। पौधों की नियमित सिंचाई के लिए गुलमर्ग परिसर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट से पाइपलाइन के ज़रिए जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट द्वारा दिए गए हैं।

इंदौर में बनेगा ऑक्सीजन गार्डन

इंदौर के कनाडिया क्षेत्र स्थित गुलमर्ग परिसर के पीछे 11 एकड़ में फैले पहाड़ी भूभाग पर इस व्यापक हरित परियोजना की शुरुआत की जाएगी। इसको लेकर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थल का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यावरण केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, इंदौर जनपद अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसोदिया सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

हर हाथ लगाएगा पौधा, हर दिल करेगा रक्षा

इस अभियान को एक जनआंदोलन का रूप देते हुए समाज के सभी तबकों की सहभागिता को सशक्त रूप से जोड़ा जाएगा। पद्मश्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित व्यक्तित्वों, व्यापारिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धार्मिक नेताओं, किसान संगठनों, जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्ध नागरिकों की सक्रिय सहभागिता इस पहल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। यह ऐतिहासिक प्रयास आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा। इस दौरान मंत्री सिलावट ने कनाडिया क्षेत्र स्थित गौशाला का भी निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए।