प्रतिभागियों को विश्व स्तरीय और प्रासंगिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धभारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएमइंदौर) कई विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करता रहा है। इसके अनुरूप, संस्थान ने 05 अक्टूबर, 2021 को लिवरपूल विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एमओयू पर आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो.हिमाँशु राय और प्रो. फियोना बेवरिज, एग्जीक्यूटिव प्रो-वाइस-चांसलर, फैकल्टी, ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंसेज़, लिवरपूल विश्वविद्यालय, यूके ने हस्ताक्षर किए।
सहयोग पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, प्रो.हिमाँशु राय ने कहा, ‘हमें यूके के अग्रणी शोध-केंद्रित उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक, लिवरपूल विश्वविद्यालय के साथ सहयोग से उत्साहित हैं। आईआईएम इंदौर ने हाल ही में अपने 25 वर्ष पूरे किए हैं और 1881 में स्थापित एक विश्वविद्यालय के साथ सहयोग कर हमें प्रसन्नता है। आईआईएम इंदौर जैसे नवीन बिजनेस स्कूल काइतने वर्षों पुराने, अद्भुत अनुभव वाले लिवरपूल विश्वविद्यालय के साथ सहयोग दोनों संस्थानों के प्रतिभागियों के लिए लाभकारी रहेगा’।
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उन्होंने कहा यह सहयोग विशेष स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों, कार्य-अनुभव के बाद के पाठ्यक्रमों और डॉक्टरेट अनुसंधान की पेशकश पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। दोनों संस्थान फैकल्टी एक्सचेंज के साथ परस्पर हित के क्षेत्रों में संयुक्त प्रमाण पत्र और अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के विकास के लिए भी मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, ‘इसके अतिरिक्त, हम विदेशी स्कॉलर और विशेषज्ञों को एक साथ लाने और संयुक्त शोध पर भी काम करने के लिए स्कॉलर-इन-रेसिडेंस के पाठ्यक्रम की पेशकश करने की योजना बना रहे हैं’।
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उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य सामाजिक रूप से जागरूक संस्थान बनना है और ऐसे जिम्मेदार प्रबंधक तैयार करना है जो न्यायसंगत और समावेशी निर्णय लेते हैं। लिवरपूल विश्वविध्यालय का भी मिशन जीवन का उत्थान है, और यहीं दोनों संस्थाओं का लक्ष्य समाहित है, जिससे हम जिम्मेदार प्रबंधकों और युवाओं का निर्माण कर सकेंगे, जो इस दुनिया एक बेहतर जगह बनाएंगे’, उन्होंने कहा।
आईआईएम इंदौर 25 वर्ष पूरे करने पर बधाई देते हुए, प्रो. एंथनी हॉलैंडर, प्रो-वाइस चांसलर-रिसर्च, यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल; ने कहा कि आईआईएम इंदौर ‘ट्रिपल क्राउन’मान्यता प्राप्त करने वाला,भारत के शीर्ष बिजनेस स्कूलों में से एक है। ‘हमें आईआईएम इंदौर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की खुशी है। संस्थान ने पिछले 25 वर्षों में बेहतरीन प्रगति की है और न केवल भारत में, बल्कि एशिया में भी शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की श्रेणी में शामिल हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग अनुसंधान और छात्र आदान-प्रदान के क्षेत्र में पारस्परिक हित के क्षेत्रों की खोज में फायदेमंद होगा।
दोनों संस्थान दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव के लिए अनुसंधान एजेंडे पर सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि यह लिवरपूल विश्वविद्यालय में स्नातक छात्रों के लिए भारत में विशेष मास्टर स्तर के पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने का एक रोमांचक अवसर होगा और उन्हें इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘हम रुचि के सामान्य क्षेत्रों की पहचान करने के लिए आईआईएम इंदौर के सहयोगियों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं’।
प्रो कार्तिकेय नारापराजू, चेयर-इंटरनेशनल रिलेशन एंड स्टूडेंट एक्सचेंज; प्रो. सुशांत कुमार मिश्रा, डीन-प्रोग्राम, प्रो. प्रीतम रंजन, डीन-रिसर्च और प्रो. दिपायन दत्ता चौधरी, डीन-प्लानिंग एंड डेवलपमेंट (सभी आईआईएम इंदौर से) भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस ऑनलाइन आयोजन में सुश्री हेलेन कार्लिन, इंटरनेशनल पार्टनरशिप्स मेनेजर, प्रो. टेरी मैकनल्टी, एसोसिएट डीन और सुश्री सारा हुसैन, हेड-स्टडी अब्रॉड, लिवरपूल विश्वविद्यालय भी शामिल हुए। एमओयू तीन साल के लिए वैध होगा।