इंदौर में लगातार दूसरे दिन कोरोना के दो नए मामले सामने आए हैं। इनमें से तीन मरीज अन्य शहरों से जुड़े हैं, जबकि एक मरीज इंदौर का निवासी है, जो हाल ही में केरल से लौटा था और लौटने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ी। देश के कई अन्य शहरों में भी कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इंदौर में अब तक कुल चार मामले सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी तेज कर दी है और सतर्कता बरती जा रही है।
यदि इंदौर में कोरोना की नई लहर आती है, तो विभिन्न अस्पतालों में इसके लिए कुल 14 हजार बेड आरक्षित किए जाएंगे। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने शहर में कोरोना जांच के लिए कोई सरकारी सेंटर शुरू नहीं किया है। वर्तमान में जांच का कार्य शहर की पांच निजी लैबों के माध्यम से हो रहा है। इन लैबों से प्राप्त पॉजिटिव सैंपल की दोबारा पुष्टि मेडिकल कॉलेज की लैब में करवाई जा रही है।

शहर में 6,000 ऑक्सीजन बेड रहेंगे तैयार
मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.एल. सैत्या ने बताया कि भले ही कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। यदि संक्रमण की नई लहर आती है तो शहर में छह हजार ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पहले से ही तैयार हैं। साथ ही तीन हजार आईसीयू बेड की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने बताया कि चार संक्रमित मरीजों की यात्रा संबंधी जानकारी जुटाई गई है। इनमें एक बच्ची भी शामिल है, जो अपने परिवार के साथ गुजरात से उज्जैन महाकाल दर्शन के लिए आई थी। तबीयत बिगड़ने पर जांच इंदौर की एक निजी लैब में करवाई गई। अन्य दो मरीज भी बाहरी शहरों से हैं, जबकि एक मरीज इंदौर का निवासी है। सभी संक्रमितों में फिलहाल गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं। यदि आने वाले दिनों में शहर में संक्रमण के मामले बढ़ते हैं, तो स्वास्थ्य विभाग जांच के लिए विशेष केंद्र स्थापित करने पर विचार कर सकता है।