योगी सरकार ने किसानों और व्यापारियों से खाद का अनावश्यक भंडारण न करने की अपील की है। कृषि विभाग की ओर से सभी 18 मंडलों में उर्वरक की उपलब्धता और वितरण की जानकारी साझा की गई। आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सत्र 2024 में 18 अगस्त तक 36.76 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई थी, जबकि इस साल अब तक 42.64 लाख मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति और बिक्री की जा चुकी है।
पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी खाद की खपत
प्रदेश में इस वर्ष खाद वितरण का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहा है। वर्ष 2024 में जहां 27.25 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरित किया गया था, वहीं इस वर्ष अब तक 31.62 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध कराया जा चुका है। इसी प्रकार, डीएपी की आपूर्ति गत वर्ष 5.28 लाख मीट्रिक टन थी, जो इस बार बढ़कर 5.38 लाख मीट्रिक टन हो गई।
एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम मिश्रण) का वितरण पिछले वर्ष 2.07 लाख मीट्रिक टन रहा था, जबकि इस वर्ष यह बढ़कर 2.39 लाख मीट्रिक टन हो गया है। म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) की आपूर्ति भी 0.25 लाख मीट्रिक टन से दोगुनी बढ़कर 0.46 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है। वहीं, सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) का वितरण 2024 में 1.91 लाख मीट्रिक टन था, जो इस वर्ष बढ़कर 2.79 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।
ज़रूरत के हिसाब से ही लें खाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से आग्रह किया कि वे खाद का अनावश्यक भंडारण न करें और केवल आवश्यकता अनुसार ही खरीदें। उन्होंने कहा कि किसानों को जब-जब जरूरत हो, उस समय पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक जिले में शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित है, जहाँ किसान किसी भी समस्या की जानकारी दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने उर्वरक की कालाबाजारी और ओवररेटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने, किसानों से संवाद बनाए रखने और उनकी समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है।
प्रदेश में खाद की उपलब्धता
- डीएपी – 18 अगस्त तक प्रदेश में 9.25 लाख मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध रहा, जिसमें से किसानों द्वारा 5.38 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है।
- यूरिया – 18 अगस्त तक प्रदेश में 37.70 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध रहा, जिसमें से किसानों ने 31.62 लाख मीट्रिक टन उठान कर लिया है।
- एनपीके – 18 अगस्त तक प्रदेश में 5.40 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता रही, जिसमें से किसानों द्वारा 2.39 लाख मीट्रिक टन की खरीदी की जा चुकी है।
खरीफ फसलों की बुवाई पूरी हो चुकी है। धान जैसी प्रमुख फसल में टॉप-ड्रेसिंग के लिए प्रतिदिन औसतन 49,564 मीट्रिक टन यूरिया का उपयोग/विक्रय हो रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 16.04% यानी 4.37 लाख मीट्रिक टन अधिक यूरिया किसानों ने खरीदा है।