केरल के तट पर मानसून दस्तक दे चुका है, जबकि सामान्यतः इंदौर में 10 जून तक मानसूनी गतिविधियाँ शुरू हो जाती हैं। हालांकि, इस बार शहर अभी मानसून के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। कई प्रमुख सड़कों पर पाइपलाइन बिछाने के लिए गड्ढे खोदे गए हैं, और सड़क निर्माण कार्य भी निर्धारित समयसीमा में पूरा नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति में बारिश होते ही जलभराव की समस्या उत्पन्न होने की आशंका है।
पिछले वर्ष इंदौर में महज चार इंच बारिश में ही कई इलाकों में जलजमाव के कारण सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया था और कई घरों में पानी घुस गया था। इसके बाद नगर निगम ने 20 से अधिक जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में स्टॉर्म वॉटर लाइन की व्यवस्था की थी। बावजूद इसके, इस बार भी शहर के कई हिस्सों में निर्माण कार्य नई परेशानियों को जन्म दे सकते हैं।

इंदौर के आरएनटी मार्ग और विजय नगर क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने के लिए कई स्थानों पर गड्ढे खोदे गए हैं। खजराना मंदिर की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य भी अब तक अधूरा है। मधुमिलन चौराहे पर आरएनटी मार्ग पर एक बड़ा गड्ढा खोदा गया है, वहीं विजय नगर चौराहे के पास भी दो दिन पहले इसी तरह का गड्ढा तैयार किया गया है। इन निर्माण कार्यों के चलते ट्रैफिक को बीआरटीएस लेन की ओर डायवर्ट करना पड़ा है।
नालों की सफाई अधूरी, नगर निगम की तैयारी पर सवाल
शहर में कुल 30 छोटे-बड़े नाले स्थित हैं। नगर निगम ने प्रमुख नालों की सफाई तो कर दी है, लेकिन अधिकतर छोटे नालों की सफाई अब तक नहीं हो सकी है। ये छोटे नाले मुख्य रूप से रिहायशी इलाकों के पास स्थित हैं। बारिश के दौरान इनका प्राकृतिक जल प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे आसपास की बस्तियों में पानी भरने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।