इंदौर : आयडीए अध्यक्ष ने परसो शाम को अचानक दफ्तर का किया दौरा, आधे रास्ते से लौटे कर्मचारी

इंदौर(Indore) : विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा परसो शाम को अचानक सवा पांच बजे अपने दफ्तर का दौरा करने निकल पड़े। तीनों मंजिलों पर जब अध्यक्ष के जाने की बात कर्मचारियों को पता चली तो कई आधे रास्ते से वापस लौट कर आ गए। जयपाल सिंह चावड़ा सुबह दस बजे से रात को आठ बजे तक दफ्तर में ही बैठे रहते हैं। कभी दौरा करने जाते हैं, तो वापस लौट कर आ जाते हैं।

आयडीए कर्मचारियों को पांच बजे से ही घर जाने की आदत पड़ी हुई है। सुबह भी ग्यारह बजे पहले कर्मचारी नहीं आते थे। अधिकांस कर्मचारी सुबह तो टाइम पर आने लगे थे, लेकिन ऑफिस से जाने का समय सबने लगभग पांच बजे का ही कर लिया था। सबको पता था कि चावड़ा तीसरी मंजिल पर अपने कक्ष में बैठे थे। कुछ लोगों से मिल रहे थे तभी अचानक सवा पांच बजे पहली मंजिल पर पहुंच गए। लिपट की बजाए चढ़ाव से नीचे उतरे तो कुछ कर्मचारी चढ़ाव उतरते हुए घर जाते हुए दिखे।इंदौर : आयडीए अध्यक्ष ने परसो शाम को अचानक दफ्तर का किया दौरा, आधे रास्ते से लौटे कर्मचारी

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इंदौर : आयडीए अध्यक्ष ने परसो शाम को अचानक दफ्तर का किया दौरा, आधे रास्ते से लौटे कर्मचारी

चावडा ने पूछा कहां जा रहे हो तो कर्मचारी झूठ बोलने लगे। हर कमरे में जाकर न केवल कर्मचारी बल्की अफसरों के बारे में भी पूछा कि कहां गए हैं, बुलाओ क्या कर रहे हैं। अफसरों से पूछा कि आपके कक्ष में इतनी फाइनल पेंडिंग क्यों है, तो किसी ने बताया कि चुनाव में ड्यूटी थी। तो किसी ने कहा कि मैं छुट्टी पर था। चावड़ा के साथ मनीष श्रीवास्तव और ज्ञानेंद्र सिंह यादव घूम रहे थे। चावडा ने कहा कि मैं अगली बार किसी कर्मचारी को माफ नहीं करूंगा।

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जो कर्मचारी आज टेबल पर नहीं है उन सबके नाम भेज दो और कल सब मेरे को आकर बताएंगे कि वह साढ़े पांच बजे क्यों निकल गए। नामांतरण के मामलों में हो रही लेटलतीफी को लेकर भी चावड़ा ने अफसर और कर्मचारियों से नाराजगी जाहिर की। चावडा ने कर्मचारियों से कहा कि दफ्तर में अब कोई भी फाइल पेंडिग नहीं होना चाहिए। रोज का काम रोज क्यों नहीं बताते हो। आपने फाइल पर साइन कर दी है, तो फिर फाइल दफ्तर में क्यों पड़ी रहती है। अगली बार से मैं अलमारी अभी खोल कर देख लूंगा कि क्यों उनसे फाइल क्यों रखी है।