CARE CHL Hospital ने लॉन्च की प्रदेश की पहली 5G एंबुलेंस, अब रास्ते में ही शुरू होगा जीवन रक्षक इलाज

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By Srashti BisenPublished On: May 30, 2025
Care CHL Hospital

केयर सीएचएल हॉस्पिटल ने इमरजेंसी मेडिसिन डे के मौके पर शहरवासियों को दो क्रांतिकारी सुविधाएं प्रदान की हैं। न केवल हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग को आधुनिक तकनीकों के साथ दोबारा लॉन्च किया गया है, बल्कि मध्य प्रदेश की पहली 5G सक्षम एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई है। यह सेवा मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही इलाज मुहैया कराएगी, जिससे जीवन बचाने की संभावनाएं और भी बेहतर होंगी।

अब चलती एंबुलेंस में ही शुरू होगा इलाज

यह एंबुलेंस अत्याधुनिक 5G तकनीक से लैस है, जो मरीज की ईसीजी, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर जैसी रिपोर्ट्स को रियल-टाइम में डॉक्टरों तक पहुंचा सकती है। डॉक्टर वीडियो कॉल के माध्यम से मरीज की स्थिति देख सकेंगे और पैरा मेडिकल स्टाफ को तुरंत निर्देश भी दे सकेंगे। इससे रास्ते में ही इलाज शुरू हो जाएगा और हॉस्पिटल पहुंचते ही मरीज को सीधे संबंधित विभाग में शिफ्ट किया जा सकेगा।

‘पावर ऑफ 3’ मॉडल से मिलेगा समय पर इलाज

केयर हॉस्पिटल के रीजनल सीईओ हरीश त्रिवेदी ने बताया कि यह सुविधा विशेष रूप से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और सड़क दुर्घटनाओं जैसी आपात स्थितियों में बहुत प्रभावी होगी। हॉस्पिटल ने ‘पावर ऑफ 3’ नाम से एक अनोखा प्रोटोकॉल अपनाया है, जिसके तहत:

  • हर इमरजेंसी कॉल 3 रिंग्स के भीतर रिसीव होती है
  • 30 मिनट में एंबुलेंस मरीज तक पहुँचती है
  • 3 मिनट के भीतर डॉक्टर उपचार शुरू कर देता है

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने की पहल की सराहना

इस आयोजन में मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह शामिल हुए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हर साल सड़क हादसों में करीब 14 हजार लोगों की जान जाती है, ऐसे में यह 5G एंबुलेंस सेवा कई जिंदगियों को बचा सकती है। उन्होंने यह भी साझा किया कि वे स्वयं इस हॉस्पिटल से जुड़े रहे हैं और इसका इलाज विश्वसनीय है।

इमरजेंसी विभाग में नई तकनीकों का समावेश

केयर सीएचएल के डायरेक्टर मनीष गुप्ता और क्रिटिकल केयर हेड डॉ. निखिलेश जैन ने बताया कि हॉस्पिटल हमेशा नई तकनीकों को तेजी से अपनाने में अग्रणी रहा है। इससे पहले वाइड-बोर MRI मशीन और राज्य की पहली आधुनिक कैथ लैब जैसी सुविधाएं शुरू की जा चुकी हैं। अब जल्द ही 24 घंटे ब्लड ट्रांसफ्यूजन सुविधा भी शुरू की जाएगी।

डॉ. जैन के अनुसार, कार्डियक मामलों में 90 मिनट के भीतर स्टेंट डाला जाता है, और स्ट्रोक मामलों में 60 मिनट के अंदर इलाज शुरू कर दिया जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुरूप है।

क्या है 5G एंबुलेंस की खासियत?

  • हाई-स्पीड कनेक्टिविटी से डेटा और वीडियो का तुरंत आदान-प्रदान
  • रीयल टाइम वीडियो कॉल से डॉक्टर की सीधी निगरानी
  • ईसीजी और अन्य रिपोर्ट्स का त्वरित ट्रांसफर
  • सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम से एक्सपर्ट्स की नजर
  • प्रारंभिक इलाज से समय की बचत और बेहतर परिणाम