एमपी में यहां बन रही हैं ग्रीन यूनिवर्सिटी, 700 करोड़ की लागत से जल्द होगा निर्माण

गुना जिले के सिंगवासा में 122 हेक्टेयर भूमि पर करीब 700 करोड़ की लागत से क्रांतिवीर तात्याटोपे विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, जो मध्य प्रदेश का पहला "ग्रीन यूनिवर्सिटी" होगा। यह विश्वविद्यालय गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिलों के कॉलेजों को अधीन करेगा और स्थानीय छात्रों को उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधा देगा।

Srashti Bisen
Published:

मध्य प्रदेश के गुना जिले को जल्द ही एक नई पहचान मिलने जा रही है। यहाँ के सिंगवासा क्षेत्र में 122 हेक्टेयर भूमि पर क्रांतिवीर तात्याटोपे विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, जो कि एक “ग्रीन यूनिवर्सिटी” के रूप में विकसित किया जाएगा।

इस भव्य परियोजना पर करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से काम किया जा रहा है। यह प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा जो पूर्ण रूप से हरित निर्माण सिद्धांतों पर आधारित होगा।

भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू, दो किश्तों में 490 करोड़ रुपए जारी

विश्वविद्यालय के लिए एक विस्तृत नक्शा और मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसके अनुसार, निर्माण कार्य तेजी से आरंभ किया जा रहा है। परियोजना के लिए पहली किश्त के रूप में 340 करोड़ रुपए और दूसरी किश्त के रूप में 150 करोड़ रुपए राज्य शासन द्वारा जारी किए जा चुके हैं। आगामी किश्त में 210 करोड़ रुपए और स्वीकृत किए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि निर्माण कार्य बिना रुकावट के पूरा किया जा सके।

स्थानीय छात्रों की लंबे समय से थी मांग

गुना जिले के छात्रों को अब तक जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर पर निर्भर रहना पड़ता था, जो कि दूरी की दृष्टि से काफ़ी असुविधाजनक था। इसी वजह से वर्षों से छात्र, अभिभावक और सामाजिक संगठनों द्वारा स्थानीय विश्वविद्यालय की मांग की जा रही थी। इस जनाकांक्षा को पत्रिका समाचार पत्र ने अभियान के रूप में उठाया, जिसका प्रत्यक्ष असर हुआ और फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस यूनिवर्सिटी की स्थापना की औपचारिक घोषणा की।

वर्चुअल शुभारंभ और भूमि आवंटन की प्रक्रिया

14 मार्च 2024 को पीएम श्री महाविद्यालय गुना में इसका वर्चुअल शुभारंभ किया गया। इसके बाद प्रशासन ने विश्वविद्यालय के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश शुरू की और अंततः सिंगवासा के पास 122 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई। यहीं पर इसका मुख्य परिसर बनाया जाएगा, जिसमें आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं होंगी।

दो वर्षों में पूरी तरह से होगा कार्यान्वयन, तीन जिलों को मिलेगा लाभ

हालांकि विश्वविद्यालय ने अपने अस्तित्व में पहला कदम रख लिया है, लेकिन सभी शैक्षणिक गतिविधियों और परीक्षाओं को पूर्ण रूप से सुचारू रूप से संचालित करने में करीब दो साल का समय लगेगा। विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. किशन यादव ने जानकारी दी कि शिवपुरी, अशोकनगर और गुना जिले के सभी शासकीय और निजी महाविद्यालय अब इस नए विश्वविद्यालय के अधीन कार्य करेंगे। इस शैक्षणिक सत्र से विभिन्न विषयों में पीजी कक्षाएं शुरू की जा रही हैं और आने वाले समय में परीक्षाएं भी विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित की जाएंगी।

क्रांतिवीर तात्याटोपे विश्वविद्यालय के माध्यम से न केवल गुना बल्कि आसपास के जिलों में उच्च शिक्षा की पहुँच आसान होगी, बल्कि छात्रों को अब दूरस्थ विश्वविद्यालयों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। ग्रीन कंसेप्ट पर आधारित यह विश्वविद्यालय आधुनिकता, नवाचार और पारिस्थितिकी संरक्षण का भी प्रतीक बनेगा।