एमपी में बढ़ेंगी विधानसभा सीटें, परिसीमन से बदलेगा प्रदेश का चुनावी नक्शा, सामने आया पहली सीट का नाम

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By Abhishek SinghPublished On: August 20, 2025

मध्यप्रदेश में 2028 विधानसभा चुनाव से पहले परिसीमन और महिला आरक्षण को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। चर्चाओं के अनुसार, धार जिले से अलग औद्योगिक शहर पीथमपुर को नई विधानसभा सीट के रूप में मान्यता मिल सकती है। लगातार बढ़ रही जनसंख्या और मतदाता संख्या को देखते हुए यह निर्णय लगभग तय माना जा रहा है। वर्तमान में धार जिले में सात और इंदौर जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं, जबकि दोनों जिलों में आबादी व मतदाताओं का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।

कांग्रेस-भाजपा के लिए चुनावी गणित बदलने के आसार

पीथमपुर को अलग विधानसभा सीट का दर्जा मिलने की स्थिति में दोनों प्रमुख दलों को अपनी रणनीति नए सिरे से तैयार करनी होगी। कांग्रेस के सामने संगठन को मजबूत करने की चुनौती रहेगी, जबकि भाजपा को औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों और ग्रामीण मतदाताओं के बीच संतुलन साधना होगा। अनुमान है कि इस नई सीट पर ढाई से तीन लाख मतदाता होंगे, जिनमें मजदूर, कर्मचारी और ग्रामीण समुदाय का वोट चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा।

पीथमपुर सीट में शामिल होंगे ये इलाके

पीथमपुर फिलहाल धार विधानसभा क्षेत्र में शामिल है, लेकिन यहां औद्योगिक इकाइयों, मजदूर बस्तियों और ग्रामीण अंचलों के कारण मतदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रस्तावित परिसीमन के तहत प्रीति नगर, अकोलिया, बरदरी, खेड़ा, सागौर कुटी और इंडोरामा जैसे आसपास के इलाके नई पीथमपुर विधानसभा में जोड़े जा सकते हैं। इससे धार क्षेत्र का दायरा और मतदाता संख्या कम होगी, जबकि पीथमपुर अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान के रूप में उभरेगा।

परिसीमन से धार में बढ़ेंगी 2 नई विधानसभा सीटें

राजनीतिक हलकों की नजरें 2028 के विधानसभा चुनाव (MP Assembly Elections 2028) से पहले होने वाले परिसीमन और महिला आरक्षण पर टिकी हुई हैं। इस प्रक्रिया से न केवल नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे, बल्कि दावेदारों की संख्या के साथ विधायकों की सीटें भी बढ़ेंगी। प्रस्तावित बदलावों के बाद औसतन एक विधानसभा क्षेत्र में ढाई से तीन लाख तक मतदाता होंगे और वर्तमान में मौजूद असमानताओं को दूर किया जाएगा। फिलहाल धार सहित कई जिलों और राज्यों में विधानसभा और लोकसभा सीटों के क्षेत्रफल तथा मतदाता संख्या में बड़ा अंतर है।

विशेषज्ञों के अनुसार धार जिले में दो नई विधानसभा सीटों के गठन की संभावना है। इस बदलाव से मौजूदा विधायकों के समीकरण प्रभावित होंगे और नए उम्मीदवारों के लिए अवसर पैदा होंगे। सूत्रों का कहना है कि परिसीमन इस तरह किया जाएगा कि किसी भी सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में न रहें।

2026 के बाद शुरू होगा परिसीमन

संविधान संशोधन के अनुसार 2026 तक लोकसभा और विधानसभा सीटों में वृद्धि पर रोक है। हालांकि, 2026 की जनगणना के नए आंकड़ों के आधार पर परिसीमन किया जाएगा। अनुमान है कि इसके बाद मध्यप्रदेश की विधानसभा सीटें मौजूदा 230 से बढ़कर लगभग 280 तक हो सकती हैं, जबकि लोकसभा सीटों की संख्या 29 से बढ़कर 35 से 40 के बीच पहुँच सकती है।