जल्द ही ‘पराली समस्या’ पर बनेगा कानून, SC ने इस कमेटी के आदेश पर लगाई रोक

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By Akanksha JainPublished On: October 26, 2020

नई दिल्ली। सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलने के कारण दिल्ली-NCR में होने वाले वायु प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए कानून के जरिए एक स्थायी समिति बनाने पर विचार कर रही है। वही, केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत के 16 अक्टूबर के एक आदेश पर रोक लगाने की मांग की जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर को एक सदस्यीय कमीशन नियुक्त करने की बात कही थी।

वही, केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि, सरकार पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कानून बना रही है। तीन चार दिन में कानून बना लिया जाएगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जस्टिस लोकुर वाली एक सदस्यीय कमिटी के गठन वाले आदेश पर रोक लगा दी है, और अब मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी।

बता दे कि, सुप्रीम कोर्ट ने 16 तारीख को हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने मामले की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय कमेटी का नेतृत्व रिटायर जस्टिस मदन बी लोकुर के हाथों में सौंपा था। हालांकि, इस पर सॉलसीटर जनरल तुषार मेहता ने तब आपत्ति जताई थी। बता दे कि, लोकुर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रह चुके हैं।

साथ ही, दिल्ली और एनसीआर में पराली जलाए जाने की वजह से प्रदूषण की बड़ी समस्या से निपटने के लिए हर साल प्रयास किए जाते हैं। इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने एक टीम का ही गठन किया था, यह टीम प्रदूषण स्तर को देखते हुए पराली जलाए जाने की प्रक्रिया की निगरानी करती है, लेकिन अब इस टीम पर रोक लगा दी गई है।

वही, कमेटी के गठन पर कहा गया था कि, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के चीफ सेक्रेटरी इस काम में जस्टिस लोकुर को आवश्यक सहयोग देंगे। इसके लिए सहयोग में NCC/NSS और भारत स्काउट गाइड के लोग भी आगे बढ़े। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, संबंधित राज्य सरकारें जस्टिस लोकुर कमेटी को उचित सुविधा और पर्याप्त मदद मुहैया कराएंगी। इसमें सेक्रेट्रिएट, सुरक्षा और वित्तीय सुविधाएं शामिल थी।