Air India बोइंग 787 विमानों की जांच पूरी, फ्यूल कंट्रोल स्विच पूरी तरह ठीक, कोई खराबी नहीं

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By Dileep MishraPublished On: July 17, 2025
अहमदाबाद प्लेन क्रैश

Air India ने बुधवार, 16 जुलाई को अपने सभी बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) को लॉक करने के सिस्टम की जांच पूरी कर ली है। एअर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार किसी भी विमान में कोई तकनीकी खराबी या असामान्यता नहीं पाई गई है। यह एहतियाती निरीक्षण नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के उस निर्देश के बाद शुरू हुआ था, जिसमें उसने सभी भारतीय एयरलाइनों को बोइंग 787 और 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच करने को कहा था।

अहमदाबाद विमान हादसे के बाद तेज हुई कार्रवाई

DGCA का निर्देश पिछले महीने 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद आया था। उस हादसे में एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 260 यात्रियों की मौत हो गई थी। हवाई दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में बताया गया कि फ्लाइट टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन में ईंधन देने वाले FCS स्विच अपने-आप बंद हो गए थे, जिसके चलते इंजन बंद हो गए और विमान कुछ ही पलों में जमीन से टकरा गया। रिपोर्ट के बाद DGCA ने सभी एयरलाइनों को निर्देश दिया कि वे अपने सभी 787 और 737 विमानों में FCS सिस्टम की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि वह सही से लॉक हो रहा है और गलती से बंद नहीं हो सकता।

एअर इंडिया की इंजीनियरिंग टीम ने क्या किया?

एअर इंडिया ने अपने पायलटों को एक आंतरिक संदेश भेजा, जिसमें बताया गया कि “सप्ताहांत में हमारी इंजीनियरिंग टीम ने सभी बोइंग 787 विमानों में ईंधन नियंत्रण स्विच को लॉक करने के सिस्टम की एहतियातन जांच शुरू की थी। यह जांच सफलतापूर्वक पूरी हो गई है और कहीं भी कोई खराबी नहीं पाई गई है।” अधिकारी ने यह भी जोड़ा कि इन विमानों में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल लगाया गया है, जो बोइंग के रखरखाव प्रोटोकॉल के अनुरूप है और FCS उसी मॉड्यूल का हिस्सा है।

FCS क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

FCS (Fuel Control Switch) वह स्विच होता है जो विमान के इंजन में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करता है। इसका मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि इंजन को आवश्यक मात्रा में ईंधन लगातार मिलता रहे। यदि यह स्विच गलती से बंद हो जाए तो इंजन में ईंधन की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे इंजन बंद हो सकता है। खासकर उड़ान भरते समय यदि ऐसा हो, तो विमान को स्थिर रखना लगभग असंभव हो जाता है। अहमदाबाद हादसे में यही आशंका जताई गई थी कि यह सिस्टम विफल रहा, लेकिन अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि FCS क्यों और कैसे बंद हुआ।

क्या अब यात्री निश्चिंत रहें?

DGCA, AAIB और एअर इंडिया की तात्कालिक और समन्वित प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि भारत की विमान सुरक्षा प्रणाली तेजी से और सतर्कता से काम कर रही है। हालांकि, अहमदाबाद हादसे जैसी घटना के बाद यात्रियों में स्वाभाविक रूप से चिंता होना लाजिमी है। इसलिए एयरलाइनों को लगातार सभी सुरक्षा तंत्र की निगरानी करनी होगी। हर विमान के मेकानिकल और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स की नियमित टेस्टिंग जरूरी है। साथ ही पायलट्स को स्विच फेल्योर या इमरजेंसी प्रोसेस पर अतिरिक्त प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए।

जांच के बाद मिली राहत

एअर इंडिया द्वारा अपने सभी बोइंग 787 विमानों की सफल और बिना गड़बड़ी के जांच पूरी करने की खबर यात्रियों और उद्योग दोनों के लिए राहत की बात है। लेकिन साथ ही, अहमदाबाद हादसे ने यह भी सिखाया है कि हवाई सुरक्षा में किसी भी छोटी तकनीकी चूक को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब सबकी नजर AAIB की फाइनल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट पर होगी, जो इस रहस्यमयी विफलता की असली वजह उजागर कर सकती है।