India Pakistan Tension: भारत ने पाकिस्तान के रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम पर कथित ड्रोन हमले के जरिए आतंकवाद के खिलाफ अपनी कठोर नीति को फिर से साबित किया है। यह हमला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा माना जा रहा है, जो 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के मुताबिक, स्टेडियम को नुकसान पहुंचा है, जिससे पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में हिस्सा ले रहे विदेशी खिलाड़ियों में खौफ का माहौल है। यह कार्रवाई भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है। आइए, इस घटना को भारत के दृष्टिकोण से समझें।
आतंकवाद पर भारत का प्रहार
पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया। रावलपिंडी में ड्रोन हमला इसी रणनीति का हिस्सा है। सोशल मीडिया के दावों के अनुसार, 8 मई 2025 को यह हमला हुआ, जब PSL में पेशावर और कराची के बीच मैच होने वाला था। भारत का यह कदम पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देता है कि आतंकवाद को पनाह देने की कोई कीमत नहीं चुकाई जाएगी।

PSL में उथल-पुथल, भारत की रणनीति की जीत
हमले की खबर से PSL में शामिल ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड जैसे देशों के खिलाड़ियों में डर फैल गया। डेविड वार्नर और केन विलियमसन जैसे खिलाड़ियों ने सुरक्षा पर सवाल उठाए। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने दावा किया कि टूर्नामेंट जारी रहेगा, लेकिन सोशल मीडिया पर कयास हैं कि मैच कराची या अन्य शहरों में स्थानांतरित हो सकते हैं। भारत की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान के क्रिकेट ढांचे को झकझोर दिया है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर से भारत की ताकत का प्रदर्शन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। रावलपिंडी में ड्रोन गिरने की घटना इस ऑपरेशन का हिस्सा मानी जा रही है। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 25 भारतीय ड्रोन्स को मार गिराया, लेकिन भारत ने ऐसी किसी हानि से इनकार किया। यह कार्रवाई भारत की उन्नत सैन्य तकनीक और खुफिया तंत्र की ताकत को दर्शाती है।
वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष
भारत ने इस हमले को आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता के रूप में प्रस्तुत किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यदि भारत पर सैन्य हमले होंगे, तो उसका जवाब कड़ा होगा। यह घटना भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत को वैश्विक स्तर पर रेखांकित करती है, खासकर तब जब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ रहा है।
भारत की जीत, पाकिस्तान की हार
रावलपिंडी हमला भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की जीत है। यह न केवल पाकिस्तान के आतंकी समर्थन को उजागर करता है, बल्कि भारत की सैन्य और रणनीतिक श्रेष्ठता को भी स्थापित करता है। PSL में पैदा हुआ डर और अनिश्चितता इस बात का सबूत है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।