पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई में कंधार विमान अपहरण का बदला भी पूरा हो गया। जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय पर हुए हमले में अपहरण कांड का मास्टरमाइंड अब्दुल रउफ असगर मारा गया।
वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद भारत को आतंकी मसूद अजहर सहित दो अन्य आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था, जिसने बाद में जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठन की नींव रखी।

मसूद अजहर ने रउफ को दी थी पुरे ऑपरेशन की ज़िम्मेदारी
इसके साथ ही उसने अपने लिए भी रोते हुए मृत्यु की कामना की। यह स्पष्ट है कि मसूद अजहर के ये आंसू रउफ असगर के लिए भी थे—वही व्यक्ति जिसने कंधार विमान अपहरण की साजिश रचकर उसे कश्मीर की जेल से रिहा करवाया था। जांच में यह भी प्रमाणित हुआ कि 24 दिसंबर 1999 को अपहृत विमान में रउफ असगर स्वयं सवार था।
जेल से रिहा होने के बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन की स्थापना की और रउफ असगर को इसका ऑपरेशनल प्रमुख नियुक्त किया। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, 2001 में संसद हमले से लेकर 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले तक कई बड़े आतंकी हमलों में रउफ की सक्रिय संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। बावजूद इसके, वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और सेना के संरक्षण में निडर होकर रह रहा था। एजेंसियों का मानना है कि रउफ की मौत से जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी गतिविधियों की क्षमता पर गंभीर असर पड़ेगा।
मसूद अजहर ने 14 रिश्तेदारों की मौत की पुष्टि की
रउफ असगर, जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल प्रमुख होने के साथ-साथ आतंकी सरगना मसूद अजहर का भाई भी था। सुरक्षा एजेंसियों के उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार, बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय पर किए गए हमले में रउफ असगर के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है।
मसूद अजहर के परिजनों के बीच हुई बातचीत से उसकी मौत की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को मसूद अजहर ने स्वयं अपने परिवार के 14 सदस्यों के मारे जाने की पुष्टि की थी।