पूर्व मुख्यमंत्री की छिंदवाड़ा में हुई मीडिया से वार्तालाप, इस बात पर की चर्चा

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By Ayushi JainPublished On: August 12, 2021

आज पूर्व मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा में मिडिया से चर्चा की। इस चर्चा में उन्होंने बताया कि लोकसभा चलाना और विधानसभा चलाना सरकार की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में विपक्ष से चर्चा करकर तालमेल बनाकर यह सब किया जाता है। लेकिन इस बार सरकार की नियत पहले से ही पता चल गयी ,जब इस बार विधानसभा का सत्र शुरू से ही 4 दिन का ही रखा ? पहला दिन श्रद्धांजलि में , बचे सिर्फ़ 3 दिन ?

उसमें भी बाढ़ का मुद्दा ,महंगाई का मुद्दा ,किसानों की परेशानी , उनका दुःख- दर्द ,खाद-यूरिया के संकट मुद्दा ,बेरोजगारी का मुद्दा ,कोविड का मुद्दा और उसमें अनुपूरक बजट भी पास कराना ? -इनकी नियति पहले से ही स्पष्ट थी ,वह नहीं चाहते थे कि उनकी किसी भी बात का खुलासा हो ? यह दबाने-छुपाने की राजनीति करना चाहते है , जिससे जनता को गुमराह किया जा सके ?

विधानसभा चली भी तो सिर्फ़ 3 घंटे के लिये ? पहले दिन मैंने अपनी रखी कि आदिवासी दिवस का अवकाश क्यों बंद किया गया ? आदिवासी सिर्फ़ सम्मान का भूखा है।आदिवासी दिवस के लिए हमारी सरकार ने अवकाश घोषित किया था , यह अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस है।हमने हर ब्लॉक में इस दिवस को मनाने के लिए राशि दी थी ताकि आदिवासी परिवार यह दिवस धूमधाम से मना सके।

दूसरे दिन हमने जनहित के कई मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव दिये थे , 20 के क़रीब ध्यानाकर्षण भी दिए थे लेकिन कोई स्वीकार नहीं किया ? हम क्या सजावट के लिए बैठे हैं , विधानसभा स्थगित कर दी ? हमने कहा ओबीसी वर्ग के आरक्षण पर चर्चा कर ले लेकिन उस पर भी तैयार नही , बेरोज़गारी पर भी तैयार नही , किसानो पर भी तैयार नही , ग्वालियर- चम्बल संभाग में आयी बाढ़ पर चर्चा को तैयार नही ? यह ऐसी सरकार है ,जिसकी आंख बंद है ,कान बंद है ? यदि भाजपा भुट्टे पार्टी से एकजुट हो सकती है तो फिर तो उन्हें लड्डू पार्टी करना चाहिए , जिससे और ज्यादा एकजुट हो जाये ?