पश्चिम बंगाल में सोमवार को भारत बंद के दौरान जमकर हंगामा हुआ। नक्सलबाड़ी इलाके में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं और लेफ्ट ट्रेड यूनियन नेताओं के बीच जोरदार भिड़ंत देखने को मिली। यह बंद लेफ्ट पार्टियों से जुड़ी ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाया गया था, जिसका मकसद केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध करना था।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि केंद्र की पॉलिसी मजदूर विरोधी है और कॉर्पोरेट के पक्ष में काम कर रही है। इस वजह से देशभर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें बंगाल सबसे प्रमुख रहा।

नक्सलबाड़ी बना टकराव का केंद्र
नक्सलबाड़ी, जो कभी नक्सल आंदोलन का गढ़ रहा है, अब ट्रेड यूनियन और TMC के बीच झड़प का मैदान बन गया। भारत बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे लेफ्ट यूनियन कार्यकर्ताओं और टीएमसी कार्यकर्ताओं में तीखी बहस के बाद मामला हाथापाई तक पहुंच गया। स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने भारी पुलिस बल की तैनाती की, लेकिन तनाव बरकरार रहा।
रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन, यातायात बाधित
लेफ्ट यूनियनों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने जादवपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर ट्रैक जाम कर दिया। इससे लोकल ट्रेन सेवा बाधित हो गई और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र की नीतियां कॉर्पोरेट को फायदा पहुंचाने वाली हैं और मजदूरों के अधिकारों को कमजोर कर रही हैं।
ड्राइवरों का अनोखा विरोध – हेलमेट पहनकर ड्यूटी पर
नॉर्थ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NBSTC) के बस ड्राइवरों ने एक अलग तरह का विरोध दर्ज कराया। वे हेलमेट पहनकर ड्यूटी पर निकले ताकि किसी भी झड़प या हमले से खुद को बचा सकें। ड्राइवरों का कहना है कि वे खुद भी मजदूर हैं और भारत बंद के मुद्दों से सहमत हैं, लेकिन अपनी रोज़ी-रोटी भी जरूरी है। एक ड्राइवर ने कहा, हम बंद का समर्थन करते हैं लेकिन काम भी करना है, इसलिए सावधानी के साथ हेलमेट पहनकर ड्यूटी कर रहे हैं।