दावोस में अश्वनी वैष्णव का बयान, बोले ‘भारत ने विश्वास और प्रतिभा के आधार पर निवेशकों को किया आकर्षित’

Abhishek singh
Published on:

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के समापन पर मीडिया से खास बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक कंपनियां भारत के प्रति बेहद उत्साहित हैं, और मौजूदा कंपनियां विस्तार की योजना बना रही हैं। इसके साथ ही कई नई कंपनियां भारत में अपना व्यापार स्थापित करने की सोच रही हैं। रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि कई नई सेमीकंडक्टर कंपनियों ने भी भारत में अपनी रुचि जाहिर की है, और उनके मंत्रालय ने नए चिपसेट विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिन्हें भारत में डिज़ाइन और निर्माण किया जाएगा।

वैष्णव ने यह भी कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि पहले लोग किसी गंतव्य का मूल्यांकन केवल लागत के आधार पर करते थे, लेकिन अब किसी भी मूल्यांकन में सबसे महत्वपूर्ण पहलू विश्वास है। यह विश्वास बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश और आर्थिक नीतियों के माध्यम से जो मानक स्थापित किया है, उसमें विश्वास का एक बड़ा योगदान है। दुनिया इस विश्वास को पहचानती है और भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखती है। मंत्री ने कहा कि प्रतिभा भी एक अहम कारक है। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो प्रतिभा की संपदा है, वह कई देशों में उपलब्ध नहीं है। लागत तो बदल सकती है, लेकिन इतनी प्रभावशाली प्रतिभा का पूल कहीं और नहीं मिल सकता।

स्विट्जरलैंड में रेलवे ट्रैक देखरेख प्रणाली का अध्ययन

रेलवे मंत्री ने बताया कि स्विस रेल अधिकारियों से मिलने और कुछ संयंत्रों का दौरा करने के लिए दावोस आने से पहले उन्होंने ज्यूरिख और अन्य स्थानों पर पूरा दिन बिताया। उन्होंने कहा, “मैंने स्विट्जरलैंड के रेलवे ट्रैक रखरखाव की तकनीकों पर गहरी जानकारी ली। इसमें वे कौन सी तकनीकें अपनाते हैं, उनके प्रोटोकॉल और प्रक्रियाएं कैसी हैं, इस पर मैंने विस्तार से अध्ययन किया। इसके अलावा, मैंने उनसे यह भी पूछा कि वे अपने डेटा को कैसे संग्रहित करते हैं और पटरियों के रखरखाव के लिए कौन से उपकरणों का उपयोग करते हैं। मैंने इन सभी पहलुओं को समझने की पूरी कोशिश की है और आने वाले दिनों में इन तकनीकों को भारत में लागू करने की योजना है।”

1 लाख महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, जो इस समय विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में भाग ले रही हैं, ने कहा कि जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, एआई जैसी नई तकनीक महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

उन्होंने कहा, “अब तक हम 4,000 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए कई परियोजनाएं शुरू कर चुके हैं। भारत में हमारा लक्ष्य 1 लाख महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना है। इन पहलों में महिलाओं को पूंजी तक बेहतर पहुंच प्रदान करना, उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए उत्पादों को अनुकूलित करने में सहायता करना और वैश्विक प्रमाणन व मानकों को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन देना शामिल है।”