प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में नौकरशाही का संतुलन बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। जहां यूपीए सरकार के दौरान दक्षिण भारत से आने वाले वरिष्ठ अधिकारी केंद्रीय मंत्रालयों की कमान संभालते थे, वहीं अब मोदी शासन में तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। मौजूदा दौर में उत्तर भारतीय राज्यों से आने वाले आईएएस अधिकारी केंद्र की प्रशासनिक रीढ़ बने हुए हैं और प्रमुख मंत्रालयों का नेतृत्व कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश सबसे आगे, बिहार और उत्तराखंड का भी दबदबा
इस समय केंद्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश से आने वाले आईएएस अधिकारियों का वर्चस्व साफ झलक रहा है। वर्तमान में कुल 9 मंत्रालयों की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश के अधिकारियों के पास है। इसके अलावा बिहार से आए आईएएस अफसर 7 मंत्रालयों का नेतृत्व कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के भी 6 अधिकारी सचिव स्तर पर मंत्रालयों की कमान संभाल रहे हैं। इस रुझान से साफ है कि उत्तर भारतीय अफसर अपनी प्रशासनिक क्षमता और बेहतर प्रदर्शन की वजह से लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
राजस्थान और अन्य राज्यों की स्थिति
राजस्थान के कुल चार आईएएस अफसर केंद्रीय स्तर पर सचिव के पद पर कार्यरत हैं। वहीं छत्तीसगढ़ से भी एक वरिष्ठ अधिकारी मंत्रालय की कमान संभाल रहे हैं। दूसरी ओर अगर उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात जैसे बड़े राज्यों की बात की जाए तो इनकी तुलना में सचिव स्तर के अफसरों की संख्या कम है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि मंत्रालयों की बागडोर संभालने में परफार्मेंस और परिणाम देने की क्षमता को अहमियत दी जा रही है, न कि सिर्फ राज्य के आकार या राजनीतिक महत्व को।
कैबिनेट सचिव और गृह सचिव अन्य राज्यों से
केंद्रीय कैबिनेट सचिव का पद वर्तमान में तमिलनाडु से आने वाले आईएएस अफसर टी.वी. सोमनाथन के पास है। वहीं गृह सचिव का जिम्मा सिक्किम काडर के आईएएस अधिकारी गोविंद मोहन संभाल रहे हैं। यह बताता है कि भले ही उत्तर भारतीय राज्यों का वर्चस्व अधिक है, लेकिन अन्य राज्यों से भी चुनिंदा अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश के आईएएस अफसरों की सूची और मंत्रालय
मध्यप्रदेश से आने वाले अधिकारियों ने कई अहम मंत्रालयों की कमान अपने हाथ में ले रखी है।
• दीप्ति गौड़ मुखर्जी – कॉरपोरेट मामलात मंत्रालय
• विवेक अग्रवाल – संस्कृति मंत्रालय
• अलका उपाध्याय – पशुपालन एवं डेयरी
• वी.एल. कांताराव – खनन मंत्रालय
• पंकज अग्रवाल – ऊर्जा मंत्रालय
• नीलम शमीराव – वस्त्र (टेक्सटाइल) मंत्रालय
• हरि रंजन राव – खेल मंत्रालय
• पल्लवी जैन गोविल – युवा कल्याण मंत्रालय
• मनोज गोविल – सचिव (समन्वय)
इनकी नियुक्तियां यह दर्शाती हैं कि एमपी के अधिकारी न केवल संख्या में ज्यादा हैं बल्कि विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं।
अन्य राज्यों के अधिकारी
राजस्थान से भी कई वरिष्ठ आईएएस अफसर केंद्र में कार्यरत हैं।
• रजत कुमार मिश्रा – रसायन एवं उर्वरक
• तन्मय कुमार – पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन
• वी. श्रीनिवास – प्रशासनिक सुधार एवं कार्मिक
• नरेशपाल गंगवार – पशुपालन, डेयरी और मत्स्य
वहीं छत्तीसगढ़ से अमित उठावाल फार्मास्यूटिकल्स मंत्रालय का नेतृत्व कर रहे हैं। यह विविधता बताती है कि अलग-अलग राज्यों से आने वाले अधिकारी अपने अनुभव और दक्षता के आधार पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
परफॉर्मेंस की कद्र
पूर्व केंद्रीय सचिव एसपीएस परिहार का कहना है कि केंद्र सरकार में अफसरों की नियुक्ति में परफॉर्मेंस और नतीजों को प्राथमिकता दी जा रही है। एमपी के अफसर लगातार बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं, इसलिए उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। यह ट्रेंड बताता है कि नौकरशाही में क्षेत्रीय संतुलन से ज्यादा काम और परिणाम देने की क्षमता को महत्व मिल रहा है।