भारतीय संविधान (Indian Constitution) की प्रस्तावना में से धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द हटाने की मांग समय-समय पर उठती रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगा रखी है। इसके अलावा एक अन्य भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने भी प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ शब्द हटाने का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने ये प्रस्ताव राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाकर पेश किया।
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42वें संविधान संशोधन के जरिए प्रस्तावना में जोड़े गए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द
गौरतलब है कि 42वें संविधान संशोधन के जरिए प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ जोड़े गए थे। उसे इंदिरा गांधी की सरकार ने 42वां संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित करवाकर प्रस्तावना में शामिल कर लिया था, जबकि संविधान सभा के 299 सदस्यों ने सर्वसम्मति से इन दो शब्दों से दूरी बनाई थी ।
सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
गौरतलब है कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में से धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द हटाने की मांग की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में निर्णय देने के बाद ही भविष्य में संविधान की प्रस्तावना का स्वरूप स्पष्ट हो पाएगा।