Britain Court से भारत को मिली मंजूरी, हथियारों के सौंदागर को लाया जाएंगा, करोड़ो रूपए की किया था भुगतान

rohit_kanude
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देश में हथियारों की करोड़ो रूपए को भुगतान, टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग करके भगोड़े संजय भंडारी के खिलाफ ब्रिटेन की कोर्ट ने बड़ा एक्सन लिया है। कोर्ट ने उसको भारत लाने की अनुमति भी दे दी है। इसी के साथ दुबई के कई फर्मो के लेन देन के भी रिकॉर्ड सामने आए है।

बता दें, साल की शुरुआत में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मामले की सुनवाई करने वाले जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने निष्कर्ष निकाला कि उनके प्रत्यर्पण पर कोई रोक नहीं है और उन्होंने मामले को यूके की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भेजने का फैसला किया। जो कोर्ट के आदेश के आधार पर प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, संजय के द्वारा किए गए सभी मामले UPA की सरकार में किए गए थे। इसके बाद मौजूदा सरकार ने कार्यवाही करते हुए उन पर ब्रिटेन में कार्यवाही की वहा की कोर्ट ने उनको भारत भेजने की अनुमति प्रदार कर दी है।

तिहाड़ जेल में होगा बंद

जून 2020 में ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने प्रमाणित करके संजय को जेल भेजा था। उसके बाद वहा की एक कोर्ट के जज ने कहा कि, मैं केवल सरकार की ओर से प्रदान किए गए आश्वासनों के आधार पर ऐसा आदेश दे रहा हूं। उन्होंने भारत सरकार के आश्वासन के संदर्भ में कहा कि भंडारी को नई दिल्ली में तिहाड़ जेल में एक अलग सेल में प्रासंगिक स्वास्थ्य प्रावधानों के साथ रखा जाएगा।

भारत सरकार ने ब्रिटेन मजिस्ट्रेट के सामने रखी ये मांग

देश में गैर कानुनी रूप से कमाई गई संपत्ति और अघोषित आय के नियम 2015 के अनुसार, मनी लॉड्रिंग और हथियार डीलर संजय को वापस भारत लाने के लिए ब्रिटेन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट मांग रखी थी। इस मामले पर लंदन में आखिरी बहस को 4 अक्टूबर को सुना गया था और अब फैसला सुनाया गया है।

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संजय पर ये लगे है आरोप

विदेशी संपत्ति को छिपाने, पुराने दस्तावेजों का उपयोग करने, भारतीय कर अधिकारियों को घोषित नहीं की गई संपत्ति से लाभ उठाने और फिर विदेशी संपत्ति को लेकर अधिकारियों को गलत तरीके से सूचित करने का आरोप है. हालांकि वह आरोपों से इनकार करते रहे हैं।

कब भागा था देश छोड़कर

अक्टूबर 2016 में आयकर विभाग के अधिकारियों के उनके आवास पर छापे के बाद भंडारी कथित तौर पर भारत से भाग गए थे। उनके खिलाफ लुक-आउट नोटिस भी जारी किया गया था। छापे के दौरान रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज पाए गए थे. 15 जुलाई, 2020 को लंदन में संजय भंडारी की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने कई कड़ी शर्तों के साथ जमानत पर रिहा कर दिया था।